मंत्र : आगे दो झिलमिली पिछे दो नंद
रख्या सीताराम की रखबारे हनुमंत
हनुमान हनुमंता आबत मूठ करौ चौखडा
सांकर टोरो लोह की फारो बजर किबार
अज्जर कीलें बज्जर कीलें एसे रोग हाथ से ढीलें
मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मंत्र ईश्बरोबाचा ।
Stress Relief Mantra Vidhi :
रोगी को प्रात:काल स्नान कराने के बाद, सिर्फ कमर में हलके बस्त्र धारण करबायें और उसे जमीन पर लिटाकर इस मंत्र को पढते हुए जल का छींटा देना चाहिए ।भभुत को मंत्र से अभिसिक्त करके अथबा गुरु द्वार करबाकर सम्पूर्ण बदन पर मलना चाहिए । रोग स्थान पर मंत्र पढते हुए हाथ फिराना चाहिए । इस प्रक्रिया से समस्त मनोब्याधियां दूर हो जाति है ।
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जय माँ कामाख्या