शनि देव :

शनि देव

शनि देव : शनि देव सबसे धीमी गति से चलने बाला ग्रह है । इसे तमो गुण बाला लंगड़ा ग्रह भी कहते हैं । प्रतिदिन शनि देव की पूजा करने से अच्छे स्वास्थ्य के साथ यश की प्राप्ति होती है । शनि एक राशि में ढाई साल यानी 30 महीने रहता है । शनि देव … Read more

शुक्र ग्रह :

शुक्र ग्रह

शुक्र ग्रह : शुक्र ग्रह : शुक्र को ग्रहों में मंत्री का पद प्राप्त है । शुक्र ग्रह का यंत्र बनबाकर इसे पूजा कक्ष में स्थापित कर दें । प्रतिदिन इस यंत्र की पूजा करने से जीबन में सुख और बिलासिता की बस्तुएं प्राप्त होती हैं । शुक्र एक राशि में 27 दिन रहता है … Read more

गुरु ग्रह

गुरु ग्रह

गुरु ग्रह : गुरु ग्रह सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह है । गुरु ग्रह का यंत्र बनबाकर इसे पूजा कक्ष में स्थापित कर दें । इस यंत्र की प्रतिदिन पूजा करने से पति –पत्नी के संबध मधुर होते हैं । गुरु एक राशि में 13 महीने यानी एक साल एक महीने रहता है । … Read more

बुध ग्रह :

बुध ग्रह

बुध ग्रह: बुध ग्रह को ग्रहों का युबराज कहा जाता है ।बुध ग्रह का यंत्र बनबाकर इसे पूजा कक्ष में स्थापित कर दें । प्रतिदिन इस यंत्र की पूजा करने से मन शांत और धैर्यबान बनते है । बुध एक राशि में 27 दिन रहता है । बुध नपुंसक ग्रह है जो कन्या राशि में … Read more

चंद्र ग्रह:

चंद्र ग्रह

चंद्र ग्रह : चंद्र ग्रह को ग्रहों का रानी माना जाता है । प्रतिदिन चंद्रमा की पूजा करने से मन पबित्र होता है । मानसिक शांति मिलती है और आत्मबिश्वास बढ़ता है । चंद्र एक राशि में 2 दिन 6 घंटे यानी सबा दो दिन रहता है । चंद्र स्त्री ग्रह है जो बृष राशि … Read more

सूर्य ग्रह:

सूर्य ग्रह

सूर्य ग्रह : सूर्य ग्रह का राजा है । प्रतिदिन सूर्य ग्रह की पूजा करने से मान- सम्मान और यश की प्राप्ति होती है । सूर्य ग्रह एक राशि में 30 दिन यानी 1 महीने तक रहता है । सूर्य पुरूष ग्रह है जो मेष राशि में ऊच्च का और तुला राशि में नीच का … Read more

राहू ग्रह

राहू ग्रह

राहू ग्रह : राहू ग्रह को छाया ग्रह माना जाता है । यह बहुत रहस्यमय ग्रह है । यह एक राशि में 18 महीने यानी डेढ साल रहता है । यह मिथुन राशि में उच्च का तथा धनु राशि में नीच का होता है । इसकी प्रबृति किसी कार्य को अचानक करने की होती है … Read more

केतु ग्रह:

केतु ग्रह

केतु ग्रह : केतु ग्रह को छाया ग्रह माना जाता है । यह एक राशि में 18 महीने यानी डेढ साल रहता है । यह धनु राशि में उच्च का और मिथुन राशि में नीच का माना जाता है केतु में तमोगुण पाया जाता है तथा इसका वर्ण शूद्र है । केतु की प्रबृति भी … Read more

श्री दुर्गा सप्तशती स्तम्भन मंत्र :

श्री दुर्गा

श्री दुर्गा सप्तशती स्तम्भन मंत्र : श्री दुर्गा मंत्र – “अहं बिभूत्या बहुभिरिह रूपैर्यदास्थिता । तत्संहंत मयैकैब तिष्ठाम्याजौ स्थिरो भब ।।” 1. जल बर्षा स्तम्भन – उपर्युक्त श्लोक में “ह्लीं” का सम्पुट लगाकर पाँच माला मंत्र का जप करे । इससे जल प्रबाह अथबा बर्षा का स्तम्भन होता है । 2. चित स्तम्भन – उपर्युक्त … Read more