जब पंचम भाव का स्वामी सप्तम में तथा सप्तमेश सभी क्रूर ग्रह से युक्त हो तो, संतान सुख में रुकावट के कारण वह स्त्री मां नहीं बन पाती । पंचम भाव यदि बुध से पीडि़त हो या स्त्री के सप्तम भाव में शत्रु राशि या नीच का बुध हो तो संतान सुख में रुकावट के कारण स्त्री संतान उत्पन्न नहीं कर पाती । पंचम भाव में राहु हो और उस पर शनि की दृष्टि हो तो, सप्तम भाव पर मंगल और केतु की नजर हो तथा शुक्र अष्टमेश हो तो, संतान सुख में रुकावट दिखाई देता है । इस वजह से संतान पैदा करने में समस्या उत्पन्न होती है । सप्तम भाव में सूर्य नीच का हो अथवा शनि नीच का हो तो संतानोत्पत्ति में समस्या आती है । समस्या का समाधान (Vedic Remedies For Conceiving a Child) अब आपके सामने है , आपको कोनसा प्रयोग करना चाहिए , आप देखलो ।
What Measure Should Be Taken ?
संतान गोपाल मंत्र के सवा लाख जप शुभ मुहूर्त में शुरू करें। साथ ही बालमुकुंद (लड्डूगोपाल जी) भगवान की पूजन करें । उनको माखन-मिश्री का भोग लगाएं। गणपति का स्मरण करके शुद्ध घी का दीपक प्रज्वलित करके निम्न मंत्र का जप करें ।
मंत्र : “क्लीं देवकी सुत गोविंदो वासुदेव जगतपते देहि मे, तनयं कृष्ण त्वामहम् शरणंगता: क्लीं ।।”
सपत्नीक कदली (केले) वृक्ष के नीचे बालमुकुंद भगवान का पूजन करें ।
कदली वृक्ष की पूजन करें, गुड़, चने का भोग लगाएं। 21 गुरुवार यह अचूक उपाय (Vedic Remedies For Conceiving a Child) करने से संतान की प्राप्ति होती है ।
11 प्रदोष का व्रत करें, प्रत्येक प्रदोष को भगवान शंकर का रुद्राभिषेक करने से संतान की प्राप्त होती है ।
गरीब बालक, बालिकाओं को गोद लें, उन्हें पढ़ाएं, लिखाएं, वस्त्र, कापी, पुस्तक, खाने पीने का खर्चा दो वर्ष तक उठाने से संतान की प्राप्त होती है ।
आम, बील, आंवले, नीम, पीपल के पांच पौधे लगाने से संतान की प्राप्ति होती है ।
Some Other Vedic Remedies For Conceiving a Child
हरिवंश पुराण का पाठ करें, गोपाल सहस्रनाम का पाठ करें ।
पंचम-सप्तम स्थान पर स्थित क्रूर ग्रह का उपचार करें ।
सृजन के देवता भगवान शिव का प्रतिदिन विधि-विधान से पूजन करें ।
गरीबों और असहाय लोगों की मदद करें। उन्हें खाना खिलाएं, दान करें ।
किसी अनाथालय में गुप्त दान दें ।
किसी बड़े का अनादर न करें ।
पूर्णत: धार्मिक आचरण रखें ।
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जय माँ कामाख्या