Most Powerful अघोरी वशीकरण मंत्र :
साधना की विभिन्न शाखाओं में अघोरी साधना एक कठिन और विचित्र, परन्तु चमत्कारिक, प्रभावी तथा शक्तिशाली शाखा है। कहा जाता है कि भगवान शिव के जो साधक होते हैं उससे संबंधित शाखा के लोगों को अघोरी कहा जाता है। इन्हें शिव के रूप में परिभाषित किया जाता है क्योंकि यह मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ का जीवित प्रतिबिंब है अघोरी। ऐसा भी कहा गया है कि अघोरी रूप शिव जी के पांच विभिन्न रूपों में से एक है। शिवजी की शक्ति की तरह अघोरी की साधना भी बहुत ही प्रभावशाली होती है।
आज यहां पर आप पाएंगे अघोरी वशीकरण मंत्र, जिस के प्रयोग से आप अपने चाहने वाले को वशीभूत कर सकते हैं। यह अघोरी विद्या वशीकरण मंत्र है-
१) यह मंत्र प्रारंभ करने के पहले आप शमशान की भभूति, नया मटका (मटका काले रंग की मिट्टी से बना हो), लौंग, काली मिर्च के कुछ दानें, काली स्याही, काला कपड़ा, कपूर की कुछ टिकिया, सफेद रंग का कागज, तेल, दीपक, हकीक या रुद्राक्ष की माला, काले रंग का आसन इत्यादि वस्तुओं को एकत्रित करें। अब किसी भी अमावस्या के दिन दक्षिण दिशा में आसन बिछाकर बैठ जाए। मटके में विभूति डाल कर उसके ऊपर कपूर की टिकिया डालें। अब नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें २१ बार। जाप के बाद मटके के ऊपर लौंग और काली मिर्च डाल दें। तत्पश्चात वशीभूत करने वाले व्यक्ति का नाम सफेद कागज पर काली स्याही के प्रयोग से लिखें। इसे भी मटके में रख दें। अब कपड़े से मटके का मुहँ अच्छी तरह से बंद कर दे। मटके के बगल में दीपक जला कर दिए गए मंत्र को फिर से ११ माला जाप करें। जाप समाप्ति के बाद शमशान में जाएं, एक गड्ढा खोदे और मटके को उसके अंदर दबाकर वापस घर लौट आए। आते वक्त पीछे मुड़कर ना देखें व घर आने के बाद स्नान करें।
मंत्र है– “ओम् नमो आदेश भैरवाय, काली के पुत आवे आवे चिंते चिंताये, कार्य सिद्ध करावे, दुहाई काली माई की।”
२) अघोरी वशीकरण मंत्र का एक अन्य मंत्र है–“ऊं अघोरेभ्यों घोरोभ्यों नम:”
यह मंत्र एक शक्तिशाली कारगर एवं अत्यंत ही उच्च कोटि का मंत्र है। वशीकरण के इस मंत्र साधना को आरंभ करने के लिए पहले आप लोहे या स्टील की तश्तरी, स्वयं पहनने के लिए लाल वस्त्र, लाल आसन, सिंदूर, काजल, जिसे वश में करना है उसकी तस्वीर व उसके किसी पुराने वस्त्र का एक टुकड़ा (अगर असंभव हो तो नये वस्त्र टुकड़ा) भगवान भोलेनाथ की एक तस्वीर, रुद्राक्ष की माला इत्यादि समान को एकत्रित कर लें। अब किसी भी सोमवार की रात के ११:०० बजे नहा कर शुद्ध हो जाएं व लाल वस्त्र धारण करें। लाल रंग का आसन बिछाकर बैठ जाए और स्टील या लोहे के पात्र के अंदर चारो तरफ अच्छे से काजल लगा दें तथा ऊपर दिए गए मंत्र को अपनी अंगुली से इस तरह लिखे कि वह साफ समझ में आए। इसके बाद जिस व्यक्ति को आप वशीकृत करना चाहते हैं।
उसके कपड़े का टुकड़ा इस मंत्र लिखे हुए पात्र के ऊपर बिछा दें। अब उस व्यक्ति का नाम इस कपड़े पर लिखे सिंदूर से। अपने सामने भगवान भोलेनाथ की तस्वीर को स्थापित करें साथ ही साथ उस व्यक्ति की तस्वीर को भी जिसे आप वश में करना चाहते हैं। अब ध्यान लगाए व “शिवे वश्ये हुं वश्ये अमुक वश्ये हुं वश्ये शिवे वश्ये वश्यमे वश्यमे वश्यमे फट” मंत्र का जाप करें ५१ माला।
इसमें आप रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करें। मंत्र में जिसे आप वशीभूत करना चाहते हैं उस व्यक्ति का नाम ले अमुक के स्थान पर। मंत्र की समाप्ति के बाद भगवान से साधना की सफलता की प्रार्थना करें। मंत्र पाठ के मध्य आपको कुछ आश्चर्यजनक अथवा अजीब अनुभव हो सकते हैं जो कि साधना की सफलता के सूचक हैं।
“ आडू देश से चला अघोरी , हाथ लिये मुर्दे की झोली , खड़ा होए बुलाय लाव , सोता हो जागे लाव ,तुझे अपने गुरु अपनों की दुहाई , बाबा मनसा राम की दुहाई ,मेरी आन मेरे गुरु की आन ईश्वर गौरां महादेव पार्वती की दुहाई दुहाई काली माता की।”
इस मंत्र के प्रयोग करने के लिए आप शनिवार अथवा मंगलवार के किसी भी दिन का चयन करें, बस यह दिन कृष्ण पक्ष में पड़ने वाला हो। आप अपने चयनीत दिन को अर्धरात्रि के वक्त लाल या काले रंग का आसन बिछाकर बैठ जाए और उपरोक्त मंत्र का ग्यारह माला जाप करें। प्रतिदिन जाप करने के पूर्व अपने सामने थोड़ी सी देसी शराब रखें मिट्टी के कुल्हड़ में। अब थोड़ा सा नमकीन व मिठाई, सफेद फूलों की माला अपने सामने रखें। गूगल से धूप करें व एक दीपक जलाएं नारियल अथवा सरसों तेल को व्यवहार करते हुए। मंत्र जाप जब संपूर्ण हो जाए तब सारी सामग्री को एकत्रित कर किसी पीपल के पेड़ के नीचे अथवा किसी चौराहे पर रख कर, बिना किसी से बात किए बिना पीछे मुड़कर देखें घर आ जाए। ऐसा आप छ: दिनों तक करें।
सातवें दिन आप मंत्र जाप तो करें लेकिन पीपल पेड़ के नीचे या चौराहे पर ना जाए। ऐसा करने से किसी अघोरी की आत्मा आपके पास आएगी और इसका कारण पूछेगी। इस समय आपको घबड़ाने की जरूरत नहीं है, बस बचा हुआ समान उन्हें अर्पित कर दे और मुहँ से कुछ ना कहें। अब दूसरे दिन फिर से मंत्र जाप करें व सारी सामग्री को वापस पीपल या चौराहे पर रख दें। ११ दिनों तक इस क्रिया को दोहराए। ११वें दिन अघोरी की आत्मा आपको दर्शन देगी और आपकी मनोकामना पूछेगी। यह आप उन्हें बता दें। इसके बाद अब जब अपनी मनोकामना को लेकर अथवा जिसे अपने वश में करना चाहते हैं उसका ध्यान करके नमकीन, मिठाई और साथ में देसी शराब को सकोरे में डालकर अघोरी के नाम से पीपल या किसी चौराहे पर रखेगें तो वे आपकी मनोकामना को पूर्ण कर देगें और आप जिसे वश में करना चाहतें हैं वह आपके वश में हो जाएगा तथा आपके अनुकूल कार्य करने लगेगा।
विशेष–कमजोर हृदय वाले अघोरी साधना को ना अपनाए। साधना को बीच में भी न छोड़ें वरना इसका दुष्परिणाम मिलने की संभावना रहती है।
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