बड़ी से बड़ी परेशानियों को दूर करता है कर्पूर के यह 11 अचूक प्रयोग :

बड़ी से बड़ी परेशानियों को दूर करता है कर्पूर के यह 11 अचूक प्रयोग :

अचूक प्रयोग : कर्पूर या कपूर मोम की तरह उड़नशील दिव्य वानस्पतिक द्रव्य है । इसे अक्सर आरती के बाद या आरती करते वक्त जलाया जाता है जिससे वातावरण में सुगंध फैल जाती है और मन एवं मस्तिष्क को शांति मिलती है । वास्तु एवं ज्योतिष शास्त्र में भी इसके महत्व और उपयोग के बारे में बताया गया है । कर्पूर के कई औषधि के रूप में भी कई फायदे हैं । हम आपको बताएंगे कि कर्पूर या कपूर से आप कैसे संकट मुक्त होकर मालामाल बन सकते हैं और कैसे आप घर को भी बाधा मुक्त रख सकते हैं ।
पहला अचूक प्रयोग –
पुण्य प्राप्ति हेतु : कर्पूर जलाने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है । शास्त्रों के अनुसार देवी-देवताओं के समक्ष कर्पूर जलाने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है । अत: प्रतिदिन सुबह और शाम घर में संध्यावंदन के समय कर्पूर (कपूर) जरूर जलाएं ।
दूसरा अचूक प्रयोग –
पितृदोष और कालसर्पदोष से मुक्ति हेतु : कर्पूर जलाने से देवदोष व पितृदोष का शमन होता है । अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि हमें शायद पितृदोष है या काल सर्पदोष है । दरअसल, यह राहु और केतु का प्रभाव मात्र है। इसको दूर करने के लिए घर के वास्तु को ठीक करें । यदि ऐसा नहीं कर सकते हैं तो प्रतिदिन सुबह, शाम और रात्रि को तीन बार घी में भिगोया हुआ कर्पूर जलाएं । घर के शौचालय और बाथरूप में कर्पूर की 2-2 टिकियां रख दें। बस इतना उपाय ही काफी है ।
तीसरा अचूक प्रयोग –
आकस्मिक दुर्घटना से बचाव : आकस्मिक दुर्घटना का कारण राहु, केतु और शनि होते हैं । इसके अलावा हमारी तंद्रा और क्रोध भी दुर्घटना का कारण बनते हैं । इसके लिए रात्रि में हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद कर्पूर जलाएं । हालांकि प्रतिदिन सुबह और शाम जिस घर में कर्पूर जलता रहता है उस घर में किसी भी प्रकार की आकस्मिक घटना और दुर्घटना नहीं होती । रात्रि में सोने से पूर्व कर्पूर जलाकर सोना तो और भी लाभदायक है ।
चौथा अचूक प्रयोग –
सकारात्मक उर्जा और शांति के लिए : घर में यदि सकारात्मक उर्जा और शांति का निर्माण करना है तो प्रतिदिन सुबह और शाम कर्पूर को घी में भिगोकर जलाएं और संपूर्ण घर में उसकी खुशबू फैलाएं। ऐसा करने से घर की नकारात्मक उर्जा नष्ट हो जाएगी । दु:स्वप्न नहीं आएंगे और घर में अमन शांति बनी रहेगी है । वैज्ञानिक शोधों से यह भी ज्ञात हुआ है कि इसकी सुगंध से जीवाणु, विषाणु आदि बीमारी फैलाने वाले जीव नष्ट हो जाते हैं जिससे वातावरण शुद्ध हो जाता है तथा बीमारी होने का भय भी नहीं रहता ।
पांचवां अचूक प्रयोग –
अचानक धन प्राप्ति का उपाय:- गुलाब के फूल में कपूर का टुकड़ा रखें। शाम के समय फूल में एक कपूर जला दें और फूल को देवी दुर्गा को चढ़ा दें। इससे आपको अचानक धन मिल सकता है । यह कार्य आप कभी भी शुरू करके कम से कम 43 दिन तक करेंगे तो लाभ मिलेगा । यह कार्य नवरात्रि के दौरान करेंगे तो और भी ज्यादा असरकारक होगा ।
छठा अचूक प्रयोग –
वास्तु दोष मिटाने के लिए : यदि घर के किसी स्थान पर वास्तु दोष निर्मित हो रहा है तो वहां एक कर्पूर की 2 टिकियां रख दें । जब वह टिकियां गलकर समाप्त हो जाए तब दूसरी दो टिकिया रख दें । इस तरह बदलते रहेंगे तो वास्तुदोष निर्मित नहीं होगा ।
सातवां अचूक प्रयोग –
भाग्य चमकाने के लिए : पानी में कर्पूर के तेल की कुछ बूंदों को डालकर नहाएं । यह आपको तरोताजा तो रखेगा ही आपके भाग्य को भी चमकाएगा । यदि इस में कुछ बूंदें चमेली के तेल की भी डाल लेंगे तो इससे राहु, केतु और शनि का दोष नहीं रहेगा, लेकिन ऐसे सिर्फ शनिवार को ही करें ।
आठवां अचूक प्रयोग –
पति-पत्नी के बीच तनाव को दूर करने हेतु : रात को सोते समय पत्नी अपने पति के तकिये में सिंदूर की एक पुड़िया और पति अपनी पत्नी के तकिये में कपूर की 2 टिकियां रख दें । प्रातः होते ही सिंदूर की पुड़िया घर से बाहर कही उचित स्थान पर फेंक दें तथा कपूर को निकाल कर शयन कक्ष में जला दें ।
यदि ऐसा नहीं करना चाहते हैं तो प्रतिदिन शयनकक्ष में कर्पूर जलाएं और कर्पूर की 2 टिकियां शयनकक्ष के किसी कोने में रख दें । जब वह टिकियां गलकर समाप्त हो जाए तो दूसरी रख दें ।
नौंवा अचूक प्रयोग –
धनवान बनने के लिए : रात्रि काल के समय रसोई समेटने के बाद चांदी की कटोरी में लौंग तथा कपूर जला दिया करें । यह कार्य नित्य प्रतिदिन करेंगे तो धन-धान्य से आपका घर भरा रहेगा । धन की कभी कमी नहीं होगी ।
दसवां अचूक प्रयोग –
विवाह हेतु : विवाह में आ रही बाधा को दूर करना चाहते हैं तो यह उपाय बहुत ही कारगर है । 36 लौंग और 6 कपूर के टुकड़े लें, इसमें हल्दी और चावल मिलाकर इससे मां दुर्गा को आहुति दें ।
ग्यारहवां अचूक प्रयोग –
मनचाही भूमि या भवन पाने के लिए : सबसे पहले उस स्थान की थोड़ी-सी मिट्टी लाकर एक कांच की शीशी में उसे डालें । उसमें गंगा जल और कपूर डालकर उसे पूजा में जौ के ढेर पर स्थापित कर दें । नवरात्र भर उस शीशी के आगे नवार्ण मन्त्र ‘ऐं हीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे’ का 5 माला जप करें और जौ में रोज गंगा जल डालें । नवमी के दिन थोड़े से अंकुरित जौ निकाल लें और ले जाकर मनचाही जगह पर डाल दें । कांच की शीशी को छोड़कर शेष सामग्री को नदी में डाल दें। देवी की कृपा हुई तो आपको मनचाहा घर मिल जाएगा ।

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जय माँ कामाख्या

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