कुछ अनुभूत उपाय

कुछ अनुभूत उपाय :

अनुभूत उपाय : कौऐ का एक एक पूरा काला पंख कही से मिल जाए जो अपने आप ही निकला हो उसे “ॐ काकभूशुंडी नमः सर्वजन मोहय मोहय वश्य वश्य कुरु कुरु स्वाहा” इस मंत्र को बोलते जाए और पंख पर फूंक लगाते जाए, इस प्रकार १०८ बार करे । फिर उस पंख को आग लगा कर भस्म कर दे । उस भस्म को अपने सामने रख कर लोबान धुप दे और फिर से १०८ बार बिना किसी माला के अपने सामने रख कर दक्षिण दिशा की और मुख कर जाप करे । इस भस्म का तिलक ७ दिन तक करे । तिलक करते समय भी मंत्र को ७ बार बोले । ऐसा करने पर सर्व जन साधक से मोहित होते है । यह अनुभूत उपाय है ।
मोर के पंख को घर के मंदिर मे रखने से समृद्धि की वृद्धि होती है ।
गधे के दांत पर “ॐ नमो कालरात्रि सर्वशत्रु नाशय नमः” का जाप १०८ बार कर के उसे निर्जन स्थान मे रात्री काल मे गाड दे तो सर्व शत्रुओ से मुक्ति मिलती है ।शत्रु से मुक्ति का यह अनुभूत उपाय में से एक है ।
उल्लू का पंख मिले तो उसे अपने सामने रख कर “ॐ उल्लुकाना विद्वेषय फट” का जाप १००० बार कर उसे जिस के घर मे फेंक दिया जाए वहा पर विद्वेषण होता है ।
आक के रुई से दीपक बना कर उसे शिव मंदिर मे प्रज्वल्लित करने से शिव प्रस्सन होते है, ऐसा नियमित रूप से करने से ग्रह बाधा से मुक्ति मिलती है ।
धतूरे की जड़ अपने आप मे महत्वपूर्ण है, इसे अपने घर मे स्थापित कर के महाकाली का पूजन कर “क्रीं” बीज का जाप किया जाए तो धन सबंधी समस्याओ से मुक्ति मिलती है ।
अपने घर मे अपराजिता की बेल को उगाए, उसे रोज धुप दे कर “ॐ महालक्ष्मी वान्छितार्थ पूरय पूरय नमः “ का जाप १०८ बार करे तो मनोकामना की पूर्ति होती है ।
निर्जन स्थान मे “प्रेत मोक्षं प्रदोमभवः”का ११ बार उच्चारण कर के खीर तथा जल रख कर आ जाए ऐसा ३ दिन करे तो मनोकामना पूर्ति मे सहायता मिलती है ।
धुप करते समय चन्दन का टुकड़ा ड़ाल कर धुप करने से ग्रह प्रस्सन रहते है ।
किसी चेतनावान मज़ार पर मिठाई को बांटना अत्यंत ही शुभ माना गया है ऐसा विवरण कई प्राच्य ग्रंथो मे प्राप्त होता है, इससे सभी प्रकारसे उन्नति की प्राप्ति होती है ।यह एक सफल एबं अनुभूत उपाय है ,जो आज तक 100% रिजल्ट दिखने को मिल रहा है ।

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जय माँ कामाख्या

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