कुंडली में कालसर्प दोष का योग क्यूँ बनता हैं :

कुंडली में कालसर्प दोष का योग क्यूँ बनता हैं :

कालसर्प दोष – जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सारे ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाते तो यह योग कालसर्प दोष कहलाता हैं ।
किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष हैं या नहीं इसका पता व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति को देखकर लगाया जा सकता हैंपरन्तु कुछ लोगों को बच्चे के जन्म के समय का और तिथि का ठीक ढंग से पता नहीं होता और जिसके कारण कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को यह भी पता नहीं होता कि उसकी कुंडली में कालसर्प दोष का योग हैंकालसर्प दोष के कुंडली में होने पर इस दोष से पीड़ित व्यक्ति को अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं कालसर्प दोष के कुछ विशेष लक्षण होते हैं जिनके बारे में जानकर आप पता लगा सकते हैं कि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष हैं या नहीं
कालसर्प दोष के लक्षण –
1. कुंडली में कालसर्प दोष के होने पर पीड़ित व्यक्ति को मृत्यु होने के सपने अधिक आते हैंकालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति के सपने में अधिकतर अपने घर के सदस्यों की मृत्यु के सपने आते हैं कुंडली में इस योग के होने पर व्यक्ति को सपने में हमेशा अपने घर पर एक परछाई दिखती हैं
2. कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को सोते समय ऐसा अनुभव होता हैं जैसे कोई उसका गला दबाने की अर्थात उसे मारने की कोशिश कर रहा हैं
3. कालसर्प योग अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में हो तो उसे सपने में नदी, तालाब तथा समुन्द्र आदि दिखाई देते हैं
4. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कालसर्प योग से प्रभावित व्यक्ति में समाज एवं परिवार के सदस्यों के प्रति समर्पण भावना अधिक होती हैं
5. कालसर्प योग से पीड़ित व्यक्ति अपनी निजी इच्छाओं को किसी के सामने जाहिर नहीं होने देते तथा इनमें सुख भोगने की भावना भी कम होती हैं
6. कालसर्प योग से प्रभावित व्यक्ति को जीवन भर संघर्ष करना पड़ता हैं
7. कार्लसर्प योग से प्रभावित व्यक्ति बिमारी में तथा किसी प्रकार की परेशानी में अपने आपको अकेला महसूस करता हैंइस योग से पीड़ित व्यक्ति को अपना जीवन व्यर्थ लगता हैंकालसर्प योग से पीड़ित व्यक्ति को सांप के काटने का हर समय भय रहता हैंइस दोष से पीड़ित व्यक्ति के स्वप्न में उसे अपने शरीर पर सांप लिपटे हुए दिखाई देते हैं
8. कुंडली में कालसर्प योग के होने पर व्यक्ति को ऊँचाई पर जाने से भय लगता हैं
9. कालसर्प योग के होने पर व्यक्ति को हमेशा घबराहट महसूस होती हैं और वह हर समय बेचैन रहता हैं
10. कालसर्प योग से पीड़ित व्यक्ति को सुनसान स्थान पर जाने से भी डर लगता हैं
कालसर्प दोष लक्षण और कारण :
ऊपर बताये गये इन लक्षणों का सामना अगर किसी व्यक्ति को करना पड रहा हैं तो यह निश्चित हैं कि व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प योग हैंशास्त्रों के अनुसार और धर्म के अनुसार माना जाता हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को फल उसके कर्मों के अनुसार मिलता हैंकुंडली में कालसर्प का योग बनने के पीछे भी इसी मान्यता को माना जाता हैं
कुंडली में कालसर्प दोष का योग क्यूँ बनता हैं –
शास्त्रों के अनुसार किसी भी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प योग के बनने का कारण उसके पूर्व जन्म में किये गये कर्म होते हैं
1. अगर किसी व्यक्ति ने अपने पूर्व जन्म में किसी सांप को मारा हो या किसी बेकसूर जीव को सताया हो और उसे भी मार दिया हो तो उसकी कुंडली में दण्ड स्वरूप कालसर्प योग बनता हैं
2. इसके अलावा कालसर्प योग व्यक्ति की अधूरी इच्छा को पूर्ण करने के लिए भी कुंडली में बनता हैं अर्थात अगर किसी व्यक्ति की कोई इच्छा पूर्व जन्म में पूरी नहीं हो पाई हो तो वह अपनी इच्छा को पूर्ण करने के लिए दुबारा जन्म लेता हैं और उसका जन्म कालसर्प योग में हो जाता हैं

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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार  (मो.) 9438741641 /9937207157 {Call / Whatsapp}

Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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