जानें, क्या है कुंडली में शुक्र शनि सम्बन्ध योग का फल

शुक्र सांसारिक और भौतिक सुखों का कारक है जैसे रोमांस, शादी, ऐश्वर्य, सुख आदि का तो शनि भौतिक सुखो से दूर रहने वाला एक वैरागी, रोमांस से हीन, दुःख स्वरुप, अध्यात्म की ओर ले जाने वाला ग्रह है ।
• शुक्र के कारत्व फल और शनि के कारत्व फल बिलकुल ही एक दूसरे से उल्टे है दोनों का रंग भी एक दूसरे से बिलकुल विपरीत है ।
• शुक्र सफ़ेद रंग का प्रतिनिधित्व करता है तो शनि काले रंग का प्रतिनिधित्व करता है । जब शुक्र शनि कुंडली में आपस में युति या दृष्टि सम्बन्ध बनाते है तब यह दोनों जातक के सांसारिक जीवन को अस्त व्यस्त कर देते है ।
• क्योंकि शुक्र जहाँ जातक को भौतिक सुख सुविधाओ की ओर लेकर जायेगा तो शनि कही न कही शनि भौतिक सुखों का त्याग कराने में अपना पूरा हस्तक्षेप करेगा इस तरह जातक न तो सांसारिक सुख सुबिधाओं का ठीक से उपभोग कर पायेगा और न सांसारिक भोग-विलास से दूर होकर अध्यात्म जो शनि के कारत्व है में न जा पाएगा ।
• शुक्र शनि सम्बन्ध योग केवल वृष, तुला और मकर, कुम्भ लग्न की कुंडलियो में ही विशेष शुभ फल देने वाला होता है क्योंकि वृष और तुला लग्न में शनि योगकारक होकर जातक को सांसारिक भोग, सफलता, उन्नति, सौभाग्य को बढ़ाने वाला राजयोग सम्बंधित फल देने वाला होता है ।
• शुक्र वृष और तुला लग्न में लग्नेश होकर अपने आप में ही योग कारक होता है ऐसे में शुक्र शनि सम्बन्ध योग वृष तुला लग्न के लिए राजयोग कारक होकर शुभ फल देगा इसी तरह मकर और कुम्भ लग्न में शनि लग्नेश होता है ।
• शुक्र इन दोनों ही लग्नो में योगकारक होकर लग्नेश शनि से सम्बन्ध बनाकर प्रबल से प्रबल राजयोग देने वाला शुभ सम्बन्ध बन जाता है ।
• वृष तुला और मकर लग्न में शुक्र शनि सम्बन्ध योग वृष तुला मकर कुम्भ राशि में और कुम्भ लग्न में वृष तुला और कुम्भ राशि में बहुत बढ़िया और शुभ फल (राजयोग संबंधी) देता है ।
• वृष तुला मकर कुम्भ लग्न में सिर्फ शुक्र शनि सम्बन्ध योग लग्नेश और योगकारक होने से इन दोनों का सम्बन्ध शुभ फल देने वाला बन जाता है ।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार- 9438741641/ 9937207157 (call/ whatsapp)

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