कुंडली के ग्रहों में छिपा है गंजेपन का राज :

कुंडली के ग्रहों में छिपा है गंजेपन का राज :

गंजेपन का राज : बालों के बिना चेहरे की सुंदरता की कल्पना भी नहीं की जा सकती। आजकल गलत खानपान व प्रदूषण के चलते बाल गिरने या गंजेपन की समस्या आम होती जा रही है मगर आपको हैरानी होगी यह सुनकर कि बाल रहेंगे या गिरेंगे यह भी कुंडली में पता चलता है ।
लग्न के हिसाब से यदि देखें तो मेष, सिंह, तुला, धनु व कुंभ लग्न वालों को बाल गिरने की समस्या का अक्सर व दूसरों से अधिक सामना करना पड़ता है । यदि कुंडली में इनके लग्नेश कमजोर हों या गोचर में ग्रह नीच का, कमजोर हो जाए तो उस समय यह समस्या आम हो जाती है और बालों का गिरना गंजेपन की हद तक आ सकता है ।
* लग्न पर शनि की कुदृष्टि भी असमय गंजापन, बालों की सफेदी, रूखापन देती है और व्यक्ति जवानी में ही प्रौढ़ावस्था जैसा दिखाई देने लगता है ।
* लग्न पर राहु की कुदृष्टि हो तो रूसी की समस्या, सिर में फोड़े फुंसी, चकत्ते बनना आदि बीमारियों से बाल सड़ने लगते हैं ।
* चंद्रमा व शुक्र की खराबी, कफ की अधिकता को बढ़ाती है । ऐसे में अधिक जुकाम-खाँसी के चलते बाल गिरते भी हैं और सफेद भी जल्दी होने लगते हैं ।
* मंगल की वक्रता से भी बाल माँग की तरफ से पूरी लंबाई में गिरने लगते हैं । रक्त की खराबी या एनीमिया इसके लिए जिम्मेदार बन सकता है ।

गंजेपन का राज और ग्रहों का चाल :

1. चंद्रमा जब अधिक पीड़ित हो तो बाल पीछे की तरफ से गिरते हैं (यानी चाँद दिखता है) व गोलाई वाला पैच बन जाता है ।
2. राहु की खराबी में बाल सिर के किसी भी हिस्से से पैच या गोलाई में गुच्छों में झड़ते हैं व उतना हिस्सा गंजा हो जाता है ।
3. सूर्य भी गंजापन दे सकता है । खराब सूर्य की स्थिति में माथे से बाल झड़ना शुरू होते हैं और माथा चौड़ा होता जाता है ।
4. शनि की खराबी सिर के बीच के हिस्से के बाल गिराती है और गंजापन बीच से शुरू हो जाता है ।
5. मंगल व शुक्र के प्रभाव से माँग चौड़ी होने लगती है व उसी हिस्से से गंजापन आता है ।
विशेष : गंजेपन से बचने के लिए लग्नेश को मजबूत करना, प्राणायाम करना, पाप ग्रह का उपाय करना और सूर्य चिकित्सा द्वारा बनाए गए तेल को लगाना बेहतर उपाय हो सकता है ।

To know more about Tantra & Astrological services, please feel free to Contact Us :

ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार :9438741641 (call/ whatsapp)

Leave a Comment