गणेश मोहिनी वशीकरण :

सम्मोहन या वशीकरण के लिए मेहिनी अर्थात प्रेम-भावना के लिए कई प्रचलित साधनाओं में एक गणेश मोहिनी वशीकरण भी है । इसके जरिए अगर प्रेमी-प्रमिकाएं अपने प्रिय या दंपति जीवनसाथी के प्रेमपाश में बंधे रहने की चाहत रखते हैं । यह एक तरह से यौनाकर्षण बढ़ाने वाले उपयों में से भी एक है । गणेश माहिनी वशीकरण के लिए एक साधना करनी होती है, जिसे घर में नहीं किया जाता है । इसके लिए शाबर मंत्र का 1100 बार आहूति के साथ जाप किया जाता है ।

गणेश मोहिनी वशीकरण मंत्र :

“ ऊँ गणपति वीर वसे मसाने, जो मैं मांगु सो तुम आन!
पांच लड्डू वा सिर सिंदूर त्रीभुवन मांगे चंपे के फूल!
अष्ट कुली नाग मोहा जो नाड़ी 72 कोठा मोहु!
इंदर की बैठी सभा मोहु आवती जावती ईस्त्री मोहु!
जाता जाता पुरुष मोहु, डावा अंग वसे नरसिंह जीवने क्षेत्र पाला ये!
आवे मारकरनाता सो जावी हमारे पाउ पडंता!
गुरु की शक्ति हमारी भगती चलो मंत्र आदेश गुरुका!!”
गणेश मोहिनी वशीकरण साधना सिद्धिः इस गणेश मोहिनी वशीकरण मंत्र को साधने और सिद्धि के लिए किसी जंगल, बाग-बगीचे, नदी, तालाब के किनारे, पार्क या घर के पिछवाड़े एकांत कोने में गणपति के पूजन की तैयारी करनी चाहिए । पूजन सामग्रियों में फूल, पान, नारियल गोला, सफेद चंदन, लाल चंदन, किशमिश, बादाम, काला तिल एवं हवन की सभी सामग्रियों को अनुपातिक मात्रा में मिलाया जाना चाहिए। साथ में भोग के लिए पांच लड्डू और सिंदूर की एक डिब्बी रखना जरूरी है । रात के नौ-दस बजे के बाद हवन की शुरूआत के बाद रात्री के एक बजे तक संपन्न कर लिया जाना चाहिए ।
हवन की पूर्णहुति के बाद पूजन की सारी सामग्री वहीं छोड़ देना चाहिए और अभिमंत्रित सिंदूर की डिब्बी को साथ घर लाना चाहिए। वशीकरण के लिए उस सिंदूर का तिलक लगाकर वश में किए जाने वाले व्यक्ति के पास जाने से वह वशीभूत हो जाता है । इस गणेश मोहिनी वशीकरण साधना को समस्त नियमों का पालन कर किसी जानकार के सानिध्य और मार्गदर्शन में ही करना चाहिए ।

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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार – मो. 9438741641 {Call / Whatsapp}

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