जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति कैसे सुधारें ?

जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति कैसे सुधारें ?

ग्रहों की स्थिति : ज्योतिष शास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार ग्रहों अपने फल देते है । अनिष्ट ग्रहों के विश्वासघात से बचने के लिए उपाय करना मानव के हाथ में है । ग्रहों को अनुकूल बनाकर किस तरह उनको मददगार बनाया जाये, उसके विषय आज हम आपको जानकारी देने वाले है ।
ग्रहों की स्थिति को अनुकूल बनाने के उपाय : –
• राहु-केतु-शनि पापी गृह है । ये सब ग्रहों विश्वासघात करते है । इनके विश्वासघात का कारण इनके ही पाप माने जाते है । राहु के अशुभ प्रभाव को केतु के उपाय से दूर किया जा सकता है । केतु की अनिष्टता राहु के उपायों द्वारा दूर की जा सकती है ।
• पापी ग्रहों की अनुकूलता के लिए पापी ग्रहों से सम्बंधित वस्तु या प्राणियों को पास में रखने से या पालने से एवं उनके आशीर्वाद या उनसे क्षमा मांगने से अनुकूलता प्राप्त होती है ।
• शुक्र की अनिष्टता दूर करने के लिए भोजन करते समय एक ग्रास गाय के लिए निकाले । इसे गौऊ ग्रास कहते है ।
• आर्थिक नुकसान होता हो, एवं शनि की अनिष्टता को दूर करना हो तो रोज कोओं को रोटी के टुकड़े खिलाये ।
• संतान बाधा हो तो कुत्ते को रोटी खिलाने से संतान बाधा दूर होकर संतान उत्पन्न होगी ।
• हर ग्रहों की स्थिति की अशुभता के पीछे दो ग्रहों का हाथ रहता है । एक गृह की अशुभता दूर करने से जो गृह पाप गृह की अशुभता को दूर करने में सक्षम हो, ऐसे गृह का प्रभाव बढ़ाना चाहिए । शनि अशुभ हो तो उसकी अशुभता के पीछे शुक्र और ब्रहस्पति का हाथ रहता है । इनमें से ब्रहस्पति को अलग करने के लिए बुध के प्रभाव को बढ़ाना होगा । शुक्र, बुध एक साथ होने से शनि शुभ फल देगा ।
• अशुभ मंगल का प्रभाव म्रग चर्म के उपयोग से कम होता है । बड़े तवे पर गुड़ की रोटी बनाकर लोगों को खिलाने से अशुभ मंगल का प्रभाव कम होता है ।
• बुध, शुक्र एवं शनि के अशुभ प्रभावों को दूर करने का आसान उपाय है, गौऊ ग्रास । हर रोज खुद भोजन करते समय, भोजन परोसी थाली में से एक हिस्सा गाय का, एक हिस्सा कुत्ते का व एक हिस्सा कौए को खिलाये ।
• राहु ग्रहों की स्थिति के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए घास या कोई अनाज जैसे- बाजरा, ज्वार या गेहूं जमीन पर रखकर उन पर वजनी चीज रखे । जौं को दूध से धोकर बहते हुए पानी में प्रवाहित करें ।
• तपेदिक जैसी जानलेवा बीमारी के कारण ज्वर चढ़ता हो तो जौ को गाय के मूत्र में भिगोकर स्वच्छ जल से धोकर नये सिले कपड़ें में बांधकर घर में ऊँची जगह टांग दे व रोगी रोज गो-मूत्र से अपने दांत साफ़ करें ।
• ग्रहों की स्थिति से सम्बन्धित चीज़े घर में अधिक रखने से सम्बन्धित गृह का दुष्प्रभाव दूर हो जाता है ।
• पुत्र-पुत्री के कारण पिता को कष्ट होता हो तो पुत्री के गले में तांबे का चौरस टुकड़ा बांधे ।
• मंगल, 1,3,8, घर में बैठा हो तो मंगल ग्रहों की स्थिति का उपाय न करके बुध का उपाय करना चाहिए ।

To know more about Tantra & Astrological services, please feel free to Contact Us :

ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार : 9438741641 (call/ whatsapp)

Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

Sharing Is Caring:

Leave a Comment