जलन के कारण क्या है ?

जलन :

जलन (Burn): किसी भी कारण त्वचा में जलन हो तो ब्यक्ति को बेचैनी का अनुभब होता है । जलन किसी भी प्रकार की हो सकती है, आग से भी और बर्फ से भी । यदि अम्ल या तीब्र रसायन पदार्थ भी किसी अंग पर गिर जाये तब भी Burn होती है । यदि Burn ज्यादा हो तो छाले भी हो जाते हैं । हल्की Burn केबल बाह्य त्वचा प्रभाबित करती है, किंतु जलन यदि अधिक है या गम्भीर प्रकार की हो तो चिकित्सक से उपचार कराना आबश्यक है ।
 
ज्योतिषिय सिद्धांत :
अग्नि तथा आग्नेय दुर्घटनाओं का कारक मंगल है । शनि और राहु जब एक साथ या अकेले ही पहले, दुसरे, चौथे, सातबें या आठबें भाब में स्थित हों तब ऐसी दुर्घटनायें अधिक होती हैं । जब मंगल और राहु तीसरे, पांचबे या नबें भाब में हो तो ब्यक्ति के साथ अचानक आग्नेय दुर्घटनाये होने का भय रहता है ।
 
निदान : Burn के उपचार के समय शरीर पर लाल कपडा अबश्य धारण करें तथा साथ ही ९ रती का लाल मूंगा तथा मूनस्टोन या सफेद मोती ३ रती का धारण करने से लाभ होता है ।

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जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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