जिन सिद्धि साधना क्या होती है?

जिन सिद्धि साधना :

जिन साधना : जीबन की सफ़र में , हम सभी कुछ ना कुछ हासिल करने की चाहत रखते हैं , और यही कारण है की हम अपनी साधना की और बढ़ते हैं ।“जिन सिद्धि साधना “एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे हम अपने आपको आध्यत्मिक और शारीरिक रूप से संजीबन करने केलिए अद्भुत साधनाओ को पालन करते हैं ।

जिन जिन्नात साधना कैसे सिद्ध किया जाता है?

यह साधना हमारे आत्मा के बिकास की और एक पथ खोलता है , और यह आत्मा के अद्दितीय गुणों का खोजने और बिकसित करने में मदद करती है । इसके माध्यम से हम अपने जीबन के उदेश्यों की प्राप्ति करने के लिए आबश्यक सामर्थ और धैर्य का बिकास करते हैं ।
जिन साधना का मार्ग अबसरो और चुनोतियों से भरपूर होता है , लेकिन यह हमारा जीबन में आशीर्वाद , सुख और शान्ति भी लाता है । यह एक एसा सफर है जिसमे हम अपनी मानसिकता को शुद्ध करते हैं, आध्यत्मिक ज्ञान प्राप्ति करते हैं और अपने आत्मा के साथ एक मेलजोल बनते हैं । साधना करने से पहले आप किसी सिद्ध पुरुष से इसकी साधना की बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करले और साधना भी उनके चरण में रहकर सम्पूर्ण करना बेहतरे रहेगा । मंत्र इस प्रकार है …

जिन साधना मन्त्र:- 

मंत्र :- ” किबली गई बन को जिनको जै हरनाम।। “

जिन साधना विधि –

आप इस मन्त्र को रविवार की रात को १२ जिन की अंगूठी पहन कर एक हजार जप करे इस तरह सात दिन करे!
दूध के पेड़ो की भेंट अपने पास रखें जेह आप खुद तैयार करे,जब जिन सातवे दिन हाजिर होगा तो उसे भेंट दे कर तीन वचन ले ले की वह आप को आने वाले टाइम में काम देगा,साधना के समय लहसुन प्याज अंडा मास आदि का सेवन नहीं करना। हकीक काले रंग की माला से जप करना चाहिए,धुप आदि का प्रयोग जरूर करे।जप में आप को ताली की आवाज़ सुनाई दे गए,गबराना नहीं है,जे सिद्धि का संकेत है।
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जय माँ कामाख्या

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