ज्वर निबारण के तांत्रिक उपाय

यदि कोई अशरीरी हबा शरीर आदि को छूकर निकल गई हो अथबा अर्धरात्रि में किसी चौराहे आदि को लांघने के कारण बुखार चढ आया हो, तो निम्न मंत्र से इक्कीस बार काले उडद के दानों को अभिमंत्रित करे और एकेक दाना रोगी के ऊपर फेंकते रहें । बुखार उतरकर रोगी स्वस्थ हो जाएगा ।
 
“ओम नमो श्री पार्श्बनाथाय
चिपटी नाम महा बिधान
सर्ब ज्वर बिनाशनिया या
दिशं पश्यामि ता ता भबति
नि: ज्वर शिरो मुंछ मुंछ ललाट
मुंछ मुंछ नेत्र मुंछ मुंछ नासिका
मुंछ मुंछ पादो मुंछ मुंछ कटि
मुंछ मुंछ भुमिया गच्छ महान ज्वर स्वाहा।”
 
यदि किसी को तंत्र-प्रयोग या जादू-टोने के कारण बुखार चढा हो,तो निम्न मंत्र को पहले 108 बार पढें । फिर कच्चा सूत लेकर उसे 22 बार इसी मंत्र से अभिमंत्रित करें और रोगी के दाएं बाजू में बांध दें । शीघ्र लाभ होगा ।
 
मंत्र : “ओम ह्रीं श्रीं चंन्द्रबदनी माहेश्बरि
चंडिका भूत-प्रेत, पिशाच बिद्रापय
बिद्रापय बज्र दंडन माहेश्बर त्रिशूले
नदी बीर खंडेन चूरय चूरय पात्र प्रबेशे
ओं छां छीं छूं छ: फट् स्वाहा।”
 

ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (मो.) 9438741641/ 9937207157  {Call / Whatsapp}

जय माँ कामाख्या

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