दान के नियम :दान में क्या नहीं देना चाहिए
दान के नियम : दान भी आपका नुकसान कर सकते हैं, जानिए कैसे हर दान शुभ नहीं होता.
दान भी दे सकता है हानि, जानिए कैसे हर दान आपको लाभ नहीं देता…
यूं तो दान का विशेष महत्व है । लेकिन क्या आप जानते हैं दान के नियम कि बारे में कुछ दान ऐसे होते हैं जो आपको लाभ देने के बजाय हानि देते हैं। जानिए किस व्यक्ति को कौन सा दान नहीं करना चाहिए-
जो ग्रह जन्म कुंडली में उच्च राशि या अपनी स्वयं की राशि में स्थित हों, (स्वग्रही) उनसे संबंधित वस्तुओं का दान व्यक्ति को कभी भूलकर भी नहीं करना चाहिए ।
सूर्य मेष राशि में होने पर उच्च तथा सिंह राशि में होने पर अपनी स्वराशि का होता है अत:
* दान के नियम के हिसाब से आप कभी भी लाल या गुलाबी रंग के पदार्थों का दान न करें ।
* गुड़, आटा, गेहूं, तांबा आदि किसी को न दें ।
चंद्र वृष राशि में उच्च तथा कर्क राशि में स्वगृही होता है । यदि आपकी जन्म कुंडली ऐसी स्थिति में हो तो-
* दान के नियम के हिसाब से आपको दूध, चावल, चांदी, मोती एवं अन्य जलीय पदार्थों का दान कभी नहीं करना चाहिए ।
* माता अथवा मातातुल्य किसी स्त्री का कभी भूल से भी दिल न दुखाएं अन्यथा मानसिक तनाव, अनिद्रा एवं किसी मिथ्या आरोप का भाजन बनना पड़ेगा ।
मंगल मेष या वृश्चिक राशि में हो तो स्वराशि का तथा मकर राशि में होने पर उच्चता को प्राप्त होता है । दान के नियम के हिसाब से ऐसी स्थिति में-
* मसूर की दाल, मिष्ठान्न अथवा अन्य किसी मीठे खाद्य पदार्थ का दान नहीं करना चाहिए ।
* घर में आए किसी मेहमान को कभी सौंफ खाने को न दें अन्यथा वह व्यक्ति कभी किसी अवसर पर आपके खिलाफ ही कड़वे वचनों का प्रयोग करेगा।
जब बुध मिथुन राशि में स्वगृही तथा कन्या राशि में होने पर उच्चता को प्राप्त होता है । यदि आपकी जन्म पत्रिका में बुध उपरोक्त वर्णित किसी स्थिति में है तो-
* दान के नियम के हिसाब से आपको हरे रंग के पदार्थ और वस्तुओं का दान नहीं करना चाहिए ।
* साबुत मूंग, पेन-पेंसिल, पुस्तकें, मिट्टी का घड़ा, मशरूम आदि का दान न करें अन्यथा सदैव रोजगार और धन-संबंधी समस्याएं बनी रहेंगी ।
बृहस्पति जब धनु या मीन राशि में हो तो स्वगृही तथा कर्क राशि में होने पर उच्चता को प्राप्त होता है, तब
* दान के नियम के हिसाब से पीले रंग के पदार्थों का दान वर्जित है ।
* सोना, पीतल, केसर, धार्मिक साहित्य या वस्तुएं आदि का दान नहीं करना चाहिए अन्यथा ‘घर का जोगी जोगड़ा, आन गांव का सिद्ध’ जैसी हालत होने लगेगी अर्थात मान-सम्मान में कमी रहेगी।
शुक्र जब जन्म पत्रिका में वृष या तुला राशि में हो, स्वराशि तथा मीन राशि में हो तो उच्च भाव का होता है ।
*दान के नियम के हिसाब से व्यक्ति को श्वेत रंग के सुगंधित पदार्थों का दान नहीं करना चाहिए अन्यथा व्यक्ति के भौतिक सुखों में न्यूनता पैदा होने लगती है ।
* नवीन वस्त्र, फैशनेबल वस्तुएं, कॉस्मेटिक या अन्य सौंदर्यवर्धक सामग्री, सुगंधित द्रव्य, दही, मिश्री, मक्खन, शुद्ध घी, इलायची आदि का दान न करें अन्यथा अकस्मात हानि का सामना करना पड़ता है ।
शनि यदि मकर या कुंभ राशि में हो तो स्वगृही होता है तथा तुला राशि में होने पर उच्चता को प्राप्त होता है, तब दान के नियम के हिसाब यह कह रहा है …
* काले रंग के पदार्थों का दान न करें ।
* लोहा, लकड़ी और फर्नीचर, तेल या तैलीय सामग्री, बिल्डिंग मटेरियल आदि का दान/ त्याग न करें ।
* भैंस अथवा काले रंग की गाय, काला कुत्ता आदि न पालें ।
राहु यदि कन्या राशि में हो तो स्वराशि का तथा वृष (ब्राह्मण/ वैश्य लग्न में) एवं मिथुन (क्षत्रिय/ शूद्र लग्न) राशि में होने पर उच्चता को प्राप्त होता है, दान के नियम के हिसाब से –
* नीले, भूरे रंग के पदार्थों का दान नहीं करना चाहिए।
* मोरपंख, नीले वस्त्र, कोयला, जौ अथवा जौ से निर्मित पदार्थ आदि का दान किसी को न करें अन्यथा ऋण का भार चढ़ने लगेगा।
* अन्न का कभी भूल से भी अनादर न करें और न ही भोजन करने के पश्चात थाली में जूठन छोड़ें।
यदि केतु मीन राशि में हो तो स्वगृही तथा वृश्चिक (ब्राह्मण/ वैश्य लग्न में) एवं धनु (क्षत्रिय/ शूद्र लग्न में) राशि में होने पर उच्चता को प्राप्त होता है । यदि आपकी जन्म पत्रिका में केतु उपरोक्त स्थिति में है तो दान के नियम के हिसाब से –
* घर में कभी पक्षी न पालें अन्यथा धन व्यर्थ के कामों में बर्बाद होता रहेगा ।
* भूरे, चित्र-विचित्र रंग के वस्त्र, कम्बल, तिल या तिल से निर्मित पदार्थ आदि का दान नहीं करना चाहिए ।
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