दुर्भाग्य नाशक सिद्ध मंत्र

दुर्भाग्य नाशक सिद्ध मंत्र :

दुर्भाग्य नाशक मंत्र : मूक होई बाचाल,पंगु चढई गिरिबर गहन।
जासु कृपा सो दयाल,द्रबहु सकल कलिमल दहन।।
 
बिधि : प्रभु राम जी की पूजा करके गुरूबार बाले दिन से कमलगट्टे की माला पर प्रात: और सायं के समय नित्य एक माला २१ दिन तक निरन्तर जपादि को सुचारू ढंग से चलायें तो प्रभु कृपा प्राप्त होगी और दुर्भाग्य का अन्त हो जाता है ।
 
दुर्भाग्य नाशक सिद्ध मंत्र 2:
अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारे के।
कामद धन दारिद दबारि के।।
 
बिधि : शुक्रबार बाले दिन से स्फटिक की माला पर ११०० जप ४१ दिन तक करें, फिर रामायण का अखण्ड पाठ करायें तो दुर्भाग्य का अन्त हो जाता है ।
 
दुर्भाग्य नाशक सिद्ध मंत्र 3:
मोहि अनुचर कर केतिक बाता।
तेहि महं कुसमउ बाम बिधाता।।
 
बिधि : राम नबमी बाले दिन रुद्राख्य की माला पर ११०० जप नित्य करते हुए ४० दिन तक पूर्ण करें । ४१ बें दिन रामायण का अखण्ड पाठ करबायें और गरीबों को भोजन करबाकर बस्त्र दान करें । इस मंत्र के प्रयोग से दुर्भाग्य सौभाग्य में बदल जाता है ।
 
तंत्र प्रयोग : भरणी नक्षत्र में कुश का बांदा बिधि सहित लाकर घर में स्थापित करने से दुर्भाग्य का नाश होता है तथा धन बैभब बढता है ।

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जय माँ कामाख्या

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