लॉटरी से संबंधित धन प्राप्ति के योग :

धन प्राप्ति के योग : त्योहारों का समय में राखी बंपर, जन्माष्टमी और उस के बाद दीपावली पर भी लक्ष्मी बंपर से सरकार द्वारा लॉटरी के शौकीन लोगो को लुभाया जाता है । और हज़ारो की संख्या में लॉटरी के शौकीन अपनी किस्मत आज़माते भी हैं । हालांकि अपनी किस्मत आज़माने में बुराई नहीं, लेकिन अपना कीमती धन लालच में आकर खराब करना सही नहीं ।

ज्योतिष में लॉटरी से संबंधित धन प्राप्ति के योग विचार :

सब से महत्वपूर्ण बात कि हम खुद लॉटरी टिकट का चुनाव अपने हाथ से करते हैं , अपने मन मुताबिक टिकट का चुनाव हम करते हैं । मतलब हमारे हाथों में वो गुडलक होना चाहिए कि हम सही टिकट का चुनाव करें । और हाथों से की गई किसी भी एक्टिविटी का संबंध कुण्डली के 3rd भाव से होता है । हमे लाभ की प्राप्ति भी हो तो 3rd भाव / स्वामी ग्रह का संबंध कुण्डली के 2nd या 11th भाव से बनना चाहिए । दूसरी महत्वपूर्ण बात क्योंकि धन अचानक से आ रहा है, यहां पर 11वे भाव और 6th भाव ( 8th from 11th ) का संबंध होना चाहिए , क्योंकि जब भी कोई घटना अचानक होती है तो वो 8th भाव से संबंधित होती है । कुण्डली में 2nd और 11th भाव धन से संबंधित होते हैं । जबकि नवग्रहों की बात करें तो गुरु, शुक्र और राहु ग्रहो का संबंध होना चाहिए । कुण्डली में पीड़ित गुरु और शुक्र होना ज़रूरी है क्यूंकि बिना मेहनत के धन प्राप्ति के योग पीड़ित गुरु शुक्र से आते हैं ।
लॉटरी से लाभ के लिए दशा गोचर :
इस तरह कुल मिला कर कुण्डली में 2, 3, 6 और 11वे भावो के स्वामी ग्रहो का आपस में संबंधित होना ज़रूरी है , जिस में गुरु और शुक्र ग्रह अशुभ स्थिति में होकर इन भावो से संबंधित हो , सिर्फ उसी कुण्डली में ही लॉटरी से धन प्राप्ति के योग बनते हैं । और यदि व्यक्तिगत कुण्डली में ही धन प्राप्ति के योग उपस्थित नहीं तो लॉटरी के लिए सोचना नहीं चाहिए । और यदि इस तरह के योग हैं, तो भी उन भावो से संबंधित महादशा , अंतरदशा और गोचर जो कि चन्द्र राशि से देखा जाता है, इन सब का विचार करना ज़रूरी है ।
क्योंकि दशा और गोचर के बिना फलित सम्भव नहीं । व्यक्तिगत कुण्डली में योग देखने के बाद संबंधित ग्रहो की दशा ( 2, 3, 6, 11वे भावो के स्वामी ग्रह, इन भावो में विराजमान ग्रह, इन भावो पर दृष्टि देने वाले ग्रहो ) का विचार करना चाहिए । अगर दशा भी मिल जाये तो चन्द्र राशि से गोचर विचार करते हुए, चन्द्र कुण्डली में 2, 3, 6 और 11वे भावो का आपसी संबंध ( युति या दृष्टि ) से देखना चाहिए । इस तरह सब से पहले कुण्डली में योग, उस के बाद दशा और उस के बाद चन्द्र राशि से गोचर विचार करने पर ही अगर सकारात्मक लक्षण प्राप्त हो तो ही लॉटरी के माध्यम से धन प्राप्ति के योग सम्भव होती है ।
Note : इन के साथ ही मूलांक संख्या का भी ध्यान रखना चाहिए, जैसे कि यदि आपका मूलांक 1 / 2 / 3 / 9 है जो क्रमवार सूर्य / चन्द्र / गुरु / मंगल ग्रह के अंक है, तो टिकट के नम्बर पर इनके विरोधी अंक ( 4, 5, 8 ) नहीं होने चाहिए ।

To know more about Tantra & Astrological services, please feel free to Contact Us :

ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार – 9438741641 /9937207157 (Call/ Whatsapp)

Feeling lost or need direction in life? Aghor Tantra - The Best Astrological Service Center in India offers the guidance you need. Their consultations provide clarity, solutions, and a truly life-altering experience.

Sharing Is Caring:

Leave a Comment