नाभी को ठीक करने के लिए :
ॐ नमो नाडी नाडी।
नौ सै नाडी।
बहन्तर कोठा।
चलै अगाडी।
डिगै न कोठा।
चले नाडी रख्या करे।
यती हनुमन्त की आन।
शव्द सांचा।
पिण्ड कांचा।
फुरे मंत्र ईश्वरोबाचा।।
बिधि : इस मंत्र को सिद्ध करके फिर प्रयोग इस तरह करें । एक पोला बांस लें जिसमें कि नौ गांठे हों रोगी ब्यक्ति को लिटा करके उसकी नाभि के ऊपर यह बांस खडा करके इस मंत्र का जाप करते हुए बांस के छेद में जोर-जोर से फूंकें मारने से उखडी हुई नाभि ठीक जाती है ।
नाभिस्थापक सिद्ध तंत्र प्रयोग :
१. लाजबन्ती की मूल शनिबार को लाकर छल्ला बनाकर कमर पर बांधें तो धरण ठिकाने आये ।
२. शनिबार की सुबह शंखाहुली को हल्दी चाबल से न्योत आयें, फिर जाकर सात प्रदखिणा देकर सूर्य की ओर मुंह कर दूध डालें, फिर मूल खोद कर लायें और उसे रोगी की कमर पर बांध देने से धरण अपने स्थान पर आ जाती है ।
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जय माँ कामाख्या