सर्बबाधा निबारक भैरब मंत्र :
भैरब मंत्र : आप सबको कामख्या तंत्र ज्योतिष पर स्वागत है । आज के दिन कुछ ख़ास है , श्राबाण सोमबार पर आप सबके लिए कुछ ख़ास मंत्र की बारे में बताने जा रहा हूँ , जिसको आप अपना लाइफ में सदुपयोग करके जीबन में आने बाले दुःख कष्ट को लाघब कर के अपना चलापथ को कुसुमित कर सकते हो । आज में यंहा सर्बबाधा निबारक भैरब मंत्र और बिधि बिधान की बारे में डिटेल्स में बताने जा रहा हूँ ।
यह मंत्र का सबसे बड़ा खासियत ये है ….जो आदमी इसको नित्य धूप दीप जलाकर ह्रदय से १०८ बार पाठ करता है , कुछ ही दिन में उसका सोया हुआ भाग्य खोलने लगता है और जिस घर पर यह मंत्र पाठ होता है वंहा नकारात्मक शक्ति नहीं रहती है ।
भैरब मंत्र :
मंत्र : “ॐ ह्रीं बटुक भैरब बालक केश, भगबान बेश, सब आपद को काल भक्त जनहट को पाल , करधरे शिरक़पाल दूजे करबाल त्रिशक्ति देबी को बाल भक्तजन मानस को भाल तैतीस कोटी मंत्र को जाल प्रत्यक्ष बटुक भैरब जानिये मेरी भक्ति गुरु की शक्ति । फुरो मंत्र इश्वरी बाचा ।”
भैरब मंत्र बिधि :-
होली , ग्रहण या दीपावली की रात्रि में उडद के बड़े बनाकर भैरब को भोग लगाबे । गुग्गल धुपादि देकर इस मंत्र की १० मालाए जपे तो सभी प्रकार की बाधाओ का निबारण होता है । भूत प्रेत पिशाचादि आत्माये बहां से भाग जाति है । साधक की मनोकामना पूर्ण होती है शत्रुओ का नाश होता है ।
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आचार्य प्रदीप कुमार (मो) – 9438741641 (Call/ Whatsapp)