दिव्य स्वप्न सिद्ध मणि भद्र चेटक साधना क्या है ?
मणि भद्र चेटक साधना : व्यक्ति कई बार स्वप्न से ऐसे लोकों की यात्रा कर लेता है, जो सामान्य रूप में कर पाना बहुत मुश्किल होता है । स्वप्न के माध्यम से दिव्य लोकों की ही नहीं और भी कई प्रकार का ज्ञान हासिल किया जा सकता है । समान्य व्यक्ति का अपने स्वप्न पर अधिकार नहीं होता और वह वही देखता है, जो प्रकृति उसे दिखाती है । ज्यादातर आपके स्वप्न कीलित कर दिए जाते हैं प्रकृति के माध्यम से, जब आप स्वप्न में किसी दिव्य लोक की यात्रा करते हैं या देव दर्शन करते हैं । आप समय से पहले रहस्य उद्घाटित ना कर सकें इसलिए ऐसा कर दिया जाता है । जिसके बाद आपको कुछ भी याद नहीं रहता । कई बार अंतर मन चेतनामय होता है, तो आप कुछ दृश्य स्मरण रख पाते हैं । ज्यादातर स्वप्न आपके खान, पान और रहन- सहन पर निर्भर करते हैं । जैसा माहौल होता है, वैसा ही स्वप्न में उद्घाटित हो जाता है । क्योंकि प्रकृति आपके वातावरण के जैसा ही रूप अख्तियार कर लेती है । फिर आज का माहौल अनेक मानसिक चिंता से ग्रस्त है, तो मूल रूप में स्वप्न को भी प्रभावित करता है । इसलिए स्वप्न पर अधिकार रख पाना मुश्किल होता है । वहीँ सिद्ध पुरष दिव्य स्वप्न संसार को भेद कर उन दिव्य लोकों से संम्पर्क कर लेते हैं । जहाँ समान्य रूप में नहीं जाया जा सकता और उन दिव्य आत्माओं से ऐसी दिव्य सिद्धियाँ और साधनाएं हासिल कर लेते हैं , उस लोक में जो उन्हें प्रवेश दिला देती है । इसी तरह सिद्धाश्रम में भी स्वप्न के माध्यम से यात्रा की जा सकती है । उन दिव्य सिद्ध सन्यासियों से मिला जा सकता है । उनसे ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है । वहीँ किसी व्यक्ति के भूत भविष्य में भी झाँका जा सकता है । परम पूज्य सद्गुरुदेव ने समय समय पर ऐसी बहुत सी साधनाएं दी और उनका उल्लेख मन्त्र तंत्र यंत्र विज्ञान पत्रिका में भी किया जैसे स्वप्नेश्वरी विधा जैसी अनेक दिव्य साधनाएं दी, जो आपके स्वप्न पर अधिकार करा आपको दिव्यता से भर देती है । हम बात स्वप्न साधना पर कर रहे थे । स्वप्न के माध्यम से कई बार ऐसी दिव्य जड़ी बूटियों के बारे में भी ज्ञान मिल जाता है, तो बहुत मेहनत से भी प्राप्त करना मुश्किल होता है । वहीँ स्वप्न के माध्यम से लोटरी, सट्टे का नंबर भी लिया जा सकता है । यूँ तो स्वप्न तंत्र अपने आप में सम्पूर्ण तंत्र है, जिसे हिन्दू और मुस्लिम दोनों मतो में सम्मान दिया गया है । स्वप्न तंत्र के बारे में हमारे शास्त्र भरे पड़े हैं । राजा जनक को भी स्वप्न के माध्यम से ज्ञान पिपासा हुई थी । अब बात करते हैं कि ऐसी कौन सी साधना की जाये जिससे हम स्वप्न संसार को भेद कर अपने स्वप्न पर अधिकार करते हुए अपने स्वप्न को मनचाही गति या दिशा दे सकें । इसके लिए या तो आप स्वपनेश्वरी महाविधा करें या फिर साबर तंत्र में एक बहुत अच्छी मणि भद्र चेटक साधना है ।
मणि भद्र चेटक साधना विधि :
यह मणि भद्र चेटक साधना एक दिवसीय साधना है ।
इसे जब सोमवार को पुष्य नक्षत्र हो उस रात्रि को करे ।
इसके लिए आप सफ़ेद वस्त्र धारण करें और आसन भी सफ़ेद लें ।
इसे पीपल के पेड़ के नीचे बैठ कर करना है ।
एक जल का लोटा लें , उसमें चमेली के पुष्प ड़ाल लें । अब पीपल के पेड़ के नीचे उत्तराभिमुख होकर बैठ जाएँ । गुरु पूजन कर इस मणि भद्र चेटक साधना हेतु आज्ञा लें ।
फिर पीपल का पंचौपचार पूजन करें और एक तेल का दिया लगा दें । धूप आदि जला दें ।
भोग के लिए कोई भी मिष्ठान रख लें ।
पाँच माला गुरु मन्त्र करने के बाद निम्न मंत्र की ५१ माला करें ।
साधना के लिए माला सफ़ेद हकीक की लें या रुद्राक्ष की ।
मणिभद्र को नमस्कार कर जप समर्पित करें ।
जो जल का लोटा चमेली के पुष्प ड़ाल कर अपने पास रखा है, उस जल को पीपल पर अर्पित कर दें और नमस्कार कर घर को आ जाएँ । इस प्रकार यह मणि भद्र चेटक साधना सिद्ध हो जाती है ।
मणि भद्र चेटक साधना मंत्र : ।। ॐ मणि भद्राये चेटकाये मम स्वप्न दर्शन करू करू स्वाहा ।।
To know more about Tantra & Astrological services, please feel free to Contact Us :
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (Mob) 9937207157 /9438741641 (Call/ Whatsapp)