मसानी उच्चाटन मंत्र :
कालीननागिन। शिर जटा,ब्रह्मा खोपड़ी हाथ ।मरी
मसानी न फिरे , गुरु हमारे साथ ।दुहाई ईश्वर महादेब –
गौरा पार्बती की ।दुहाई नैना योगिनी की ।।
बिधि : इस मसानी उच्चाटन मंत्र को ग्रहणकाल में लगातार जपते हुए सिद्ध करके फिर प्रयोग करें । जो ब्यक्ति इस रोग का शिकार होता है बह प्राय: गुमसुम रहता है तथा दिन प्रतिदिन बह सूखता चला जाता है । बह भयानक प्रयोग प्राय: स्त्रियों के प्रति किया करते हैं । आपके पास जब इस रोग से पीड़ित ब्यक्ति आए तब आप गाय के उपले की राख को कपडे से छानकर रख लें तथा इस मंत्र से इक्कीस बार अभिमंत्रित करके मसानी के रोगी को खिला दें तथा पेट पर लगा दें, ऐसा तीन बार करने से मसानी का उच्चाटन हो जाता है ।
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