शत्रुबाधा नासक मेलडी अष्टक :

शत्रुबाधा नासक मेलडी अष्टक :

क्लीं कलियुगे कामधेनु माता मेलडी।
ऐं आद्या काली स्वरुप माता मेलडी।
ह्रीं हर सिद्धि आपे माता मेलडी।
सं सत्य की सहाय माता मेलडी।
सं शत्रु नाशत्मिका माता मेलडी।
श्रीं संपत दातार माता मेलडी।
हुं हुंकारे भूत भगाये माता मेलडी।
हं हंकारी चालिया छे माता मेलडी।
मेलडी अष्टक बिशेष : इस अष्टक को साधक माता मेलडी की साधना आरम्भ करते समय प्रतिदिन करे तो साधना शीघ्र सिद्ध एबं सफल होती है एबं माता मेलडी की असीम कृपा प्राप्त होती है । साधक की समस्त कामनाएंपूर्ण होती हैं । यह मेलडी अष्टक कल्पबृख्य की भांति साधक की सर्ब मनोकामना पूर्ण करने बाला स्वयं सिद्ध अचूक महाअष्टक है । इससे अबश्य लाभ होता है, लेकिन जैसी भाबना होगी बैसा ही फल मिलता है । साधकों , इस दिब्य अष्टक का प्रतिदिन पूजा पाठ के समय एबं तंत्र साधना की अबधि में मंत्र जाप के साथ साथ पाठ किया जाये तो भक्ति एबं शक्ति दोनो की प्राप्ति होगी । यह मेलडी अष्टक देखने में साधारण लगता है , लेकिन इसके चमत्कार केबल भक्त ही जानते हैं । साधक इस अष्टक को आरम्भ करते समय अपनी कामना का चिन्तन करके माता मेलडी के समख़्य संकल्प कर लें फिर नियमबत् सुबह और रात्रि के समय (9 बजे उपरांत) पाठ करें । पाठ के उपरांत शक्ति के अनुसार माता को नैबेद्य अर्पण करें । भूमि पर शयन करें एबं ब्रह्मचर्य का पालन करते हुये पूर्ण श्रधा के साथ मेलडी अष्टक अनुष्ठान को सम्पन्न कर लें तो माता की कृपा से मनोबांछित कार्य सिद्ध होता है । लेकिन कम से कम 21 दिन या 41 दिन पाठ करना अनिबार्य है तभी मनोबांछित कार्य में सफलता मिलती है । लेकिन अगर केबल भक्ति के लिये अपना चाहे तो दिनों की अबधि निर्धारित नहीं है । चाहे जितने दिन कर सकते हैं ।

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जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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