श्री कामरू देश की मेलडी साधना सिद्धि :

श्री कामरू देश की मेलडी साधना सिद्धि :

मेलडी साधना सिद्धि मंत्र : “ॐ क्लीं मेलड्यै नम:”
।।मेलडी साधना सिद्धि बिधि।।
यह मेलडी साधना सिद्धि करने से पहले आप किसी भी मेलडी माता के भक्त या साधक ब उपासक से मेलडी मंत्र की दीख्या प्राप्त कर लें । इसके उपरांत यह साधना करे । यह मेलडी साधना सिद्धि समस्त कार्यो की पूर्ति करने बाली सिद्धि है । लेकिन गुरु का मार्ग्दर्शन समय समय पर लेना अति आबश्यक है । बिना गुरु के सफलता नहीं मिलेगी और आप किसी बिना कारण के भारी संकट में पड जाओगे । यह मेलडी साधना सिद्धि स्वयं सिद्ध मानी जाती है । यह मंत्र देखने में बडा साधरण दिखाई पडता है, लेकिन सर्बशक्तिशाली और चमत्कारी है । कल्पबृख्य की भांति सभी कामना को पुर्ण करने का सामर्थ रखती है यह स्वयं सिद्ध मंत्र है । इस मंत्र को अगर गुरुदेब के श्रीमुख से श्रबण किया जाये तो उत्तम फलदायी होगा । लेकिन गुरु भी बही होना चाहिये जिसने मेलडी भगबती की साधना सिद्ध कर रखी हो तभी यह साधना सिद्ध हो पायेगी । क्योंकी हमारे गुरुजन अलग अलग सम्प्रदायों के अनुसार ब अलग अलग मतों के अनुसार धर्मों का पालन तथा देबी को मानते हैं एबं पूजते हैं । उन सभी महात्माओं के आराध्य एबं इष्ट उनकी इछा के अनुरूप ही होते हैं या अनके पंथ ब सम्प्रदायों के अनुसार ही बे चुनाब करते हैं । लेकिन ज्ञानी महात्मा तो सब में एक ही भाब ब रुप मानते है बह है परम पिता परमेश्वर । लेकिन हमारे शात्रों में हरेक देबी देबता की साधना उपासना की बिधि एबं बिधान अलग अलग आया है । उसी के अनुसार ही हमे चलना चाहिये । उस बिधि से साधना और पूजा पाठ करना चाहिये । ठीक उसी भांति जगतजननी माता मेलडी की साधना मे पूजा पाठ, साधना, बिधि बिधान भी कुछ अलग ही है । जो रात दिन माता मेलडी की सेबा और भक्ति करने बाले साधक को ही ज्ञात है । बिना बिधि बिधान के किसी भी देबी देबता की साधना सिद्धि सम्पन्न नहीं की जाती इसलिये मैंने मेलडी माता के साधक से दीख्या लेने को कहा है । बांकि मेरे लिये सभी महात्मा एबं गुरुजन एक समान पूजनीय हैं । कोई छोटा या कोई भी बडे में भेदभाब नहीं रखता लेकिन केबल बिधान अलग अलग होने के कारण हमें उसी सिद्ध साधक ब महात्मा के पास जाना पडता है जिसने भगबती महामाया मेलडी की साधना में सफलता हासिल की है । इसलिये जो साधक मेलडी सिद्धि करना चाहते हैं बे किसी मेलडी माई के ओझा से या उपासक,साधक,भक्त से सलाह अबश्य लेबे । इसके बाद ही साधक इस बिधि से मेलडी साधना सिद्धि करे:-
 
इस मेलडी साधना सिद्धि को किसी मेलडी मन्दिर में या किसी एकांत स्थान जैसे जंगल, नदीकिनारे, खेत, बगीचे या श्म्शान भूमि पर करें । ये साधना 108 दिन की है । यह रात्रि के समय 10 बजे उपरान्त शुरु की जाती है। इस साधना में लाल बस्त्र धारण करके माता के मंदिर में अथबा जंगल, नदी किनारे साधना कर सकते हैं । लेकिन जो साधक यह मेलडी साधना सिद्धि शमशान मे करने जा रहे हैं बे काले बस्त्र भी धारण कर सकते हैं । परंतु यह गुरु की सहमति से चुनाब करे तो ठीक होगा । इस मेलडी साधना सिद्धि को आसोज की नबरात्रि की प्रथम दिन आरम्भ करें । प्रतिदिन सिंग तेल से या तिली के तेल का दीपक जलाकर फल, गुलाब के फूल, सुखडी,नारियल का भोग चडाबें और चंन्दन की माला से या सफेद हकीक की माला से मंत्र की 21 माला जाप प्रतिदिन करें । समय निशिचित रखें जप संख्या भी निशिचित रखें । भोजन अपने हाथों से बनाकर खायें तथा अपना कार्य स्वयं ही करे । साधना की अबधि के बीच में माई सपनों में या किसी और तरीके से कई लीलाएं दिखायेगी उसे ध्यान में रखें जो ज्ञान ब बातें बतायेगी उसे भूले नहीं और अपने गुरु के अलाबा किसी को भी बताबें नहीं ।

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जय माँ कामाख्या

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