मोर पंख का उपयोग कैसे करें ?

मोर पंख का उपयोग कैसे करें ?

मोर पंख प्राचीन काल से ही नजर उतारने व भगवान की प्रतिमा के आगे वातावरण को पवित्र करने के लिए प्रयोग होता आया है । मोर का पंख को वशीकरण, कार्यसिद्धि, भूत बाधा, रोग मुक्ति, ग्रह वाधा, वास्तुदोष निग्रह आदि में महत्पूर्ण माना गया हैं, इसे सर पर धारण करने से विद्या लाभ मिलता है या सरस्वती माता के उपासक और विद्यार्थी पुस्तकों के मध्य अभिमंत्रित मोर का पंख रख कर लाभ उठा सकते हैं ।
 
मंत्र सिद्धि के लिए जपने वाली माला को मोर पंखों के बीच रखा जाता हैं । घर में अलग अलग स्थान पर मोर पंख रखने से घर का वास्तु बदला जा सकता है । नव ग्रहों की दशा से बचने के लिए भी होता है मोर पंख का प्रयोग । कक्ष में मोर पंख वातावरण को सकारात्मक बनाने में लाभदायक होता है । ग्रहों को शांत करने में मोर पंख आपकी सहायता कर सकता है ।
आयुर्वेद में भी मोर के पंख से तपेदिक, दमा, लकवा, नजला तथा बांझपन जैसे रोगों का सफलतापूर्वक उपचार संभव होता है । यही मोर का पंख हमारे ज्योतिष शास्त्र एवं वास्तु शास्त्र के द्वारा मनुष्य जीवन में भाग्यशाली सिद्ध होता है –
• घर के दक्षिणपूर्व कोण में लगाने से बरकत बढती है व अचानक कष्ट नहीं आता है ।
• मोर का पंख घर में रखने से सांप घर में प्रवेश नहीं करता ।
• यदि मोर का एक पंख किसी मंदिर में श्री राधाकृष्ण कि मूर्ती के मुकुट में 40 दिन के लिए स्थापित कर प्रतिदिन मक्खन मिश्री का भोग सांयकाल को लगाए 41 वें दिन उसी मोर के पंख को मंदिर से दक्षिणा भोग दे कर घर लाकर अपने खजाने या लाकर्स में स्थापित करें तो आप स्वयं ही अनुभव करेंगे कि धन सुखशान्ति कि वृद्धि हो रही है सी रुके कार्य भी इस प्रयोग के कारण बनते जा रहे है ।
• कालसर्प के दोष को भी दूर करने की इस मोर के पंख में अद्भुत क्षमता है कालसर्प वाले व्यक्ति को अपने तकिये के खोल के अंदर 7 मोर के पंख सोमवार रात्री काल में डालें तथा प्रतिदिन इसी तकिये का प्रयोग करे और अपने बैड रूम की पश्चिम दीवार पर मोर के पंख का पंखा जिसमे कम से कम 11 मोर के पंख तो हों लगा देने से काल सर्प दोष के कारण आयी बाधा दूर होती है ।
• बच्चा जिद्दी हो तो इसे छत के पंखे के पंखों पर लगा दे ताकि पंखा चलने पर मोर के पंखो की हवा बच्चे को लगे धीरे- धीरे हव जिद्द कम होती जायेगी ।
• मोर व सर्प में शत्रुता है अर्थात सर्प, शनि तथा राहू के संयोग से बनता है यदि मोर का पंख घर के पूर्वी और उत्तर- पश्चिम दीवार में या अपनी जेब व डायरी में रखा हो तो राहू का दोष की भी नहीं परेशान करता है तथा घर में सर्प मच्छर बिच्छू आदि विषेलें जंतुओं का य नहीं रहता है ।
• नवजात बालक के सिर की तरफ दिन-रात एक मोर का पंख चांदी के ताबीज में डाल कर रखने से बालक डरता नहीं है तथा कोईभी नजर दोष और अला-बला से बचा रहता है ।
• यदि शत्रु अधिक तंग कर रहें हो तो मोर के पंख पर हनुमान जी के मस्तक के सिन्दूर से मंगलवार या शनिवार रात्री में उसका नाम लिख कर अपने घर के मंदिर में रात भर रखें । प्रातःकाल उठकर बिना नहाये धोए चलते पानी में बहा देने से शत्रु शत्रुता छोड़ कर मित्रता का व्यवहार करने लगता है इस प्रकार के अनेकों प्रयोगों का धर्मशास्त्रों में वर्णन मिलता है ।

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जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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