मंत्र : “ओम नम: सूर्यदेबा, नम: इंद्रदेबा ।
नम: नम: हे महादेबा ।
हे महादेबा काली के जनकदेबा ।
दूर करो ब्याधि मोरी हे मोरे बिश्बदेबा ।
ओम नम: क्रीं क्रीं क्रीं फट् स्वाहा ।”
सरसों के तेल में भंग के बीज, पीपर, सौंठ, बैंगन के बीज, बबूल की गौंद को पीसकर डालें और बोतल में बन्द करके 21 दिन धूप में रखें । बोतल लाल होनी चाहिए । 21 केंचुआ पकडकर आधा सेर (लिटर) पानी एब यह मिश्रण डालकर तेल सहित धीमी आंच पर उबालें ।
इसे छानकर बोतल में बन्द करके फिर 21 दिन धूप में रखें । प्रत्येक दिन सूर्य को प्रणाम करके 21 बार लिंगदोष निबारण मंत्र का जाप करें ।
इस तेल को चौथाई चम्म्च लेकर लिंग पर रात्रि में मालिश करने पर टेढापन, नस बिकार, ढीलापन दूर हो जाता है । 21 दिन में ।
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जय माँ कामाख्या