हर संकट की काट हैं सिंदूर का यह अमोघ विलक्षण प्रयोग :

हर संकट की काट हैं सिंदूर का यह अमोघ विलक्षण प्रयोग :

विलक्षण प्रयोग : सिंदूर नारंगी रंग का चमकीला चूर्ण होता है जिसे हिन्दू विवाहित स्त्रियां अपनी मांग में इसलिए भरती है क्योंकि इससे पति की उम्र लंबी होती हो घर में सुख शांति बनी रहती है । हिन्दू देवियों की पूजा सिंदूर के इस्तेमाल के बिना अधूरी है । इसके अलावा चमेली के तेल के साथ सिंदूर हनुमानजी को चढ़ाया जाता है । हनुमानजी को पांच मंगलवार और पांच शनिवार को चमेली का तेल और सिंदूर अर्पित करके गुड़ और चने की प्रसाद बांटें। सभी संकटों का समाधान हो जाएगा ।
सिंदूर कमीला जतन नामक पौधे की फली में से निकलता है । बीस से पच्चीस फीट ऊंचे इस वृक्ष में फली गुच्छ के रूप में लगती है । फली के अंदर के भाग का आकार मटर की फली जैसा होता है जिसमें सरसों के आकार से थोड़े मोटे दाने होते हैं जो लाल रंग के पराग से ढके होते हैं जिससे विशुद्ध सिंदूर निकलता है । आइए जानते हैं सिंदूर के विशेष टोटके…
पहला विलक्षण प्रयोग :
पद, प्रतिष्ठा व सम्मान के लिए : एक पान की पत्ते पर थोड़ा-सा फिटकरी और सिंदूर बांधकर बुधवार की सुबह या शाम को पीपल के पेड़ के नीचे किसी बड़े पत्थर से दबा कर आ जाएं । पीछे पलटकर न देखें। यह कार्य 3 बुधवार तक करें ।
दूसरा विलक्षण प्रयोग :
वास्तु शास्त्र के अनुसार दरवाजे पर तेल में मिश्रित सिंदूर लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता है। यह घर में मौजूद वास्तुदोष को भी दूर करने में कारगर माना जाता है । इसके अलावा ऐसी भी मान्यता है कि दरवाजे पर सिंदूर लगाने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। घर के मुख्य द्वार पर सिंदूर चढ़ी हुई गणेश प्रतिमा लगाने से घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है ।
तीसरा विलक्षण प्रयोग :
आर्थिक तंगी से मुक्ति : यदि आप आए दिन आर्थिक तंगी से परेशान रहते हैं तो एकाक्षी नारियल पर सिंदूर लगाकर उसे लाल वस्त्र में बांधकर उसकी पूजा करें और फिर उसे मां लक्ष्मी से धन की प्रार्थना करते हुए अपने व्यवसाय स्थल सुरक्षित जगह पर रख दें। इसके प्रभाव से धन की समस्या दूर होने लगेगी ।
चौथा विलक्षण प्रयोग :
सूर्य-मंगल की शांति हेतु : यदि सूर्य और मंगल आपके लिए मारक ग्रह है और उनकी महादशा या अंतर्दशा चल रही है, तो सिंदूर को बहते जल में प्रवाहित करें । ऐसा करने से संबंधित ग्रह का प्रभाव कम हो जाता है और सूर्य तथा मंगल शुभ फल देने लगते हैं ।
पांचवां विलक्षण प्रयोग :
रक्तदोष दूर करने हेतु : यदि रक्त संबंधी किसी रोग से पीड़ित हैं, तो सिंदूर को अपने ऊपर से वारकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें । यह उपाय कम से कम पांच बार करेंगे तो शीघ्र ही रोग शांत हो जाएगा ।
छठा विलक्षण प्रयोग :
परीक्षा में सफलता हेतु : गुरु पुष्य योग या शुक्ल पक्ष के पुष्य योग में श्री गणेशजी के मंदिर में सिन्दूर का दान करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, किसी भी तरह की परीक्षा में मेहनत से अधिक सफलता मिलेगी ।
सातवां विलक्षण प्रयोग :
नौकरी पाने हेतु : किसी भी शुक्ल पक्ष के गुरुवार के दिन एक पीले वस्त्र पर अपनी अनामिका अंगुली का प्रयोग कर केसर मिश्रित सिंदूर से 63 नंबर लिख लें । फिर उसे ले जाकर माता लक्ष्मी के मंदिर में माता के चरणों में अर्पित कर दें। ऐसा 3 गुरुवार तक करें ।
आठवां विलक्षण प्रयोग :
दुर्घटना भय से मुक्ति : जिन लोगों को आए दिन वाहनादि से दुर्घटना का सामना करना पड़ता है उन्हें चाहिए कि वे मंगलवार के दिन श्रीहनुमानजी के मंदिर में सिंदूर दान करें । इस उपाय से शीघ्र ही दुर्घटना का भय आदि समाप्त हो जाएगा ।
नौवां विलक्षण प्रयोग :
पति पत्नी में प्रेम हेतु : रात को सोते समय पत्नी अपनी पति के तकिये के नीचे सिंदूर की एक पुड़िया और पति अपनी पत्नी के तकिये के नीचे कर्पूर की दो टिकिया रख दें । प्रात: होते ही सिंदूर की पुड़िया घर से बाहर फेंक दें और कपूर को निकाल कर कमरे में जला दें ।
दसवां विलक्षण प्रयोग :
धन लाभ हेतु : काली हल्दी को सिंदूर लगाकर और धूप दिखाकर लाल वस्त्र में लपेटकर एक दो मुद्रा सहित बक्से में रख लें। इसके प्रभाव से धन की वृद्धि होती रहेगी ।
* एक नारियल पर कामिया सिंदूर, मौली तथा बासमती चावल अर्पित करके उसका पूजन करें और फिर उसे हनुमान मन्दिर में जाकर चढ़ा आएं, धन लाभ होगा ।
ग्यारहवां विलक्षण प्रयोग :
कर्ज मुक्ति हेतु : यदि आप कर्ज से परेशान हैं, तो सियार सिंगी लेकर उसे एक डिब्बी में रख लें और उसे प्रत्येक पुष्य नक्षत्र में सिंदूर चढ़ाते रहें । ऐसा करने से शीघ्र ही शुभ फल मिलेगा। इसके अलवा तिजोरी में सिंदूर युक्त हत्था जोड़ी रखने से भी आर्थिक लाभ होगा ।

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जय माँ कामाख्या

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