विवाद जय वर्धन अचूक मंत्र-प्रयोग :
विवाद जय वर्धन : जमीन विवाद,धन दौलत का विवाद या फिर कोट कचरी का मामला जीतना जालदी हो, नीपटारा हो जाए उतना ही अच्छा है । अगर ए सब मामला श्रीघ्र ही दुर किया ना जाए तो एक पक्ष का मौत होना तय है । ऐसा दिन देखने से पर्व शत्रु को पराजय कर अपने काबू मेँ कर लेने से, स्वयं ही इस मामला से दुर हट जाता है, इसमे दोनोँ पक्ष मेँ शांति का महोल बन जाता है और दोनो या दोनो परिबार आपने आपने रास्ते खुशि खुशि रहने लागते है ।
शत्रु अगर ताकतवर हो तो उस के उपर विजय पाना ना मुमकिन है।इस समय एक ही उपाए होता हे शत्रु खूद ही इस मामले से हट जाए । इस के लीए ए उपाए आजमाए।काही से एक चार कोने वाला, एक पथर का जुगाड कर ले और उसमेँ हरिताल से ए मंत्र लिखे : “अभिजीत अपराजीत अमुकस्य जय भवतू”। अमूक मेँ अपना नाम लिखे । उसके बाद उस पथर को किसी नीर्जन स्थान पर उलटा कर रख दे और प्रतिदिन सुबह और संध्या पथर को पुजा कर के एक माला मंत्र जाप करेँ । तीन दिन मेँ शत्रु हार मानेगा और आपके जीवन से दुर चला जाएगा ।
विवाद जय वर्धन मंत्र- “ॐ नमो अभिजीत अपराजिताये,अमूकने अमूके जयं भवतू,जयं भवतू,जय भवतू नमः॥” (अमूकने मेँ शत्रु का नाम और अमूके मेँ अपना नाम बोले)
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जय माँ कामाख्या