ज्योतिषशास्त्र में विष योग

जातक की कुंडली में शनि और चंद्रमा का संयोग बेहद कष्टकारी माना जाता है । शनि की धीमी प्रकृति है और चंद्रमा अपनी द्रुत गति के लिए विख्यात । किंतु शनि क्षमताशील होने की वजह अक्सर चंद्रमा को प्रताड़ित करता है । कुंडली में यदि शनि चंद्र एक साथ 1 या 8 या 11 में हो तो जातक के जीवन में क्या क्या अशुभ प्रभाव देखने को मिलते हैं

पहले घर में विष योग का प्रभाब :-

– ऐसे जातक को चंद्र या शनि के समय में आँखों से सम्बंधित दिक़्क़तें रहेगी और उनकी आँखों की दृष्टि पूरी तरह से ख़त्म भी हो सकती
– जातक के पिता को अपने कामकाज में धन के नुक़सान देखने को मिलेंगे
– जातक की अपने पिता के साथ कम बनेगी या उनका सुख कम मिलेगा
– जातक में ग़ुस्सा ज़्यादा होगा और शनि नीच के कारण अपने ग़ुस्से में आकर अपने नुक़सान करने वाला होगा
– जीवन में कई बार सरकारी पंगे या लड़ाई-झगड़े भी देखने को मिलेंगे
– यदि अपनी कमाई से 48 साल से पहले मकान बनाए तो पिता का कामकाज और ख़ुद का कामकाज और सेहत सब ख़राब होंगे

• शनि 8 वे घर में विष योग का प्रभाब :

– यदि अपनी कमाई से 48 साल से पहले मकान बनाए तो उसके घर में किसी ना किसी की मृत्यु तक हो सकती
– धन के बड़े बड़े नुक़सान देखने को मिलेंगे
– प्युलिस पंगे भी हो सकते और कई बार धन को लेकर कोर्ट के चक्कर भी लगते
– माँ का स्वास्थ्य अच्छा नहीं होगा

• शनि 11वे घर में विष योग का प्रभाब :

– 11वे घर में बैठा शनि चंद्रमा के साथ इंसान के घर में बरकर नहीं रहने देता
– 55 साल से पहले यदि जातक अपनी कमाई से मकान बना ले तो उसी घर में जातक लम्बी बीमारी जैसा दुःख भोगता यानी जातक का स्वास्थ्य हमेशा ख़राब रहेगा
– जातक दिखावे का तो बहुत अमीर होगा यानी दुनिया वालों को लखपति लगेगा लेकिन अंदर से ख़ाली होगा
– शनि और चंद्र के समय में बड़े बड़े शान के नुक़सान होंगे

विष योग का उपाय-

-चमड़े के पर्स में पैसे ना रखे
– रात को दूध ना पिए
– अपने ख़ाली पड़े मकान को लोहे की जगह पीतल का ताला लगाए और घर में जाले ना लगने दे
– काले रंग से परहेज़ रखे
– 43 दिन तक 100 ग्राम काली सहाई (INK) जलपरवाह करे
– कुत्तों और कौयों की सेवा करे

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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (मोब): 9438741641 /9937207157 (Call /whatsapp)

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