शत्रुबाधा निबारक सात मंगलबार प्रयोग :
शत्रुबाधा निबारक मंत्र : ओम् नमो आदेश गुरु को ओम् गुरुजी मां मेलडी मां
मेलडी कामरु बंगाल खण्ड की माई दीन-दुखियों की करे
रख्या पाप मारे शत्रुन् भगाई ना भागे तो मारी संहारी खाई
जासी मेरो मेलडी कामरु बारी नहीं तो दुहाई बंगाल खण्ड
की कामाख्या माई की चलो मंत्र हूँ फट्।।
।। बिधि ।।
इस शत्रुबाधा मंत्र का काली चौदस की रात्रि से 21 दिन पहले की रात में नदी किनारे स्थित श्मशान घाट पर बैठकर रात्रि 11 बजे के बीच में 21 दिन तक (काली चौदस की रात्रि तक) नियमित जाप किया जाता है । इस शत्रुबाधा निबारक मंत्र को 27000 की संख्या में जपने से सिद्धि प्राप्त होती है । जप के समय तिली के तेल का दीपक और मेलडी धूप जलाया जाता है । अपने चारों और रेखा खींची जाती है । गले में गुरु गुटिका यंत्र धारण करके यह शत्रुबाधा निबारक प्रयोग किया जाता है । जपान्त में मांस मदिरा चढाया जाता है । यह शत्रुबाधा निबारक प्रयोग उग्र हैं । बिना गुरु के न करे । ये बिधि आधि अधुरी है । यन्हा केबल जानकारी के लिये दिया गया है, सम्पुर्ण जानकारी गुरु से प्राप्त करना सहि रहेगा। उपर दिया गया मंत्र को न करे, बिना गुरु से आग में हाथ न डालो तो ठीक रहेगा अन्यथा प्राण संकट में पड सकता हैं । अब में एक और मंत्र दे रहा हुं उसे आप कर सकते हो….
मंत्र : ओम् आद्य शक्ति महामाई महिष मर्दिनी महामाई मरघट की
मेलडी माई बाधा हरो बिपति टारो मोरी मेलडी मसाणी की
दुहाई सत्य धर्म की दुहाई ईश्वर महादेब पार्बती की करो रख्या
मारो भगबती मेलडी न करो तो गुरु गोरखनाथ योगी की
दुहाई फरी। शव्द सांचा पिण्ड काचा फुरो मंत्र भगत काली
का सत्य नाम आदेश माई गुरो को।।
इस मंत्र को चैत्र नबरात्रि में नौ दिन लगातार सुबह और रात्रि में चन्दन की माला से जपे और 14000 हजार जाप करके सिद्ध कर लें ।
हर समस्या का स्थायी और 100% समाधान के लिए संपर्क करे :मो. 9438741641 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या