शत्रु नाश हेतु शाबर मंत्र

मंत्र : “ॐ नमो कलुबा । जबरदस्त हनुमत बीर ! धर-धराय, कर-कराय, परपराय, शत्रु को तडतडाय । मूठ मारि दे पछारि । नाडि तोडि, रक्त सोखि, कलेजा चाबि, शत्रु सन्मुख हाँक मारो । टांग पकरि, ले उठाय । फिर बायु मे घुमाए, प्रुथिवी पर दे पछाडि । न पछाडे, तो तोहि गुरु गोरखनाथ की दुहाई ।।”
 
शत्रु नाश हेतु शाबर मंत्र बिधान – किसी भी ग्रहण, होली या दीपाबली की रत्रि मे उक्त मंत्र को सिद्ध करने के लिए ११०० की संख्या मे जप करने होते है ।
 
सर्बप्रथम एक कांसे की थाली लेकर उसमे लाल चंन्दन की स्याही से उक्त मंत्र को लिखकर अख्य्त् (बिना टुटे चाबल ), धूप-दीप ब मिठाई से मंत्र का पूजन करे । दीपक सरसो के तेल का जलाए । इसके उपरांन्त मंत्र का ११०० की संख्या मे जप करे । इस प्रक्रिया से शत्रु नाश हेतु शाबर मंत्र सिद्ध हो जाता है ।
 
प्रयोग के समय अपनी दाहिनी मुट्ठि मे थोडे से उडद (साबुत) के दाने लेकर उन्हे १०८ बार उक्त मंत्र पढकर अभिमन्त्रित करके शत्रु की छाती पर मार दे । इससे शत्रु पछाड खाकर भुमि पर गिरकर तड्पने लगेगा । जब शत्रु को ठीक करना हो तो सात प्रकार की मिठाई लेकर भैरब या हनुमान जी के मंन्दिर मे चढा दे । मिठाई अर्पण करते समय शत्रु के ठीक होने की भाबना ह्रुदय से करनी चाहिए ।
 
To know more about Tantra & Astrological services, please feel free to Contact Us :
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (मो.) 9438741641 / 9937207157 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या

Leave a Comment