संकट दूर करने के लिए सिद्ध मंत्र :

सिद्ध मंत्र :
जो प्रभु दीनदयाल कहाबा।
आरति हरन बेद जब गाबा।।
जपहिं नामु जन आरत भारी।
मिटाहिं कुसंकट होहि सुखारी।।
दीन दयाल बिरद सम्भारी।
हरहु नाथ म्म संकट भारी।।
 
बिधि : प्रभु राम की प्रतिमा के समख्य लाल कम्बल के आसन पर बैठकर रात भर इस मंत्र का नियमित जाप किया जाये तो इस मंत्र की अद्भुत शक्ति से समस्त बाधा का अन्त हो जाता है ।
 
सिद्ध तंत्र प्रयोग :
१. कृतिका नक्षत्र में लोहे की अंगूठी बनाकर हाथ में धारण करने से मूठ तथा तंत्र की गलत नुकसान दायक शक्तियों का भय दूर होता है ।
२. आश्लेषा नक्षत्र में धात्री मूल लेकर बिधि सहित हाथ पर बांधने से किसी भी प्रकार का बाधा /बिपद नहीं आता ।

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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार :मो. 9438741641 {Call / Whatsapp}

जय माँ कामाख्या

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