अनुभूत साबर मोहनी जाल प्रयोग क्या है?

अनुभूत साबर मोहनी जाल प्रयोग क्या है?

साबर मोहनी जाल : साबर तंत्र में इस साधना को साबर मोहनी जाल के नाम से जाना जाता है । इस साबर मोहनी जाल का प्रयोग कभी विफल नहीं जाता । इस से जहाँ अपने उच्च अधिकारी को अपने अनुकूल बना सकते है । वही अपने आस पास के वातावरण को अपने विरोध होने से रोक सकते है । अपनी झगड़ालू पत्नी जा पति को भी अपने वश में कर उसे अनुकूलता दे सकते है । कई लोग इस साबर मोहनी जाल प्रयोग का गलत इस्तेमाल कर लेते है । उन्हें जही कहता हू कोई भी ऐसा कार्य ना करे जो समाजिक दृष्टि से अनुकूल ना हो । सिर्फ आवश्कता पड़ने पर ही यह साबर मोहनी जाल प्रयोग करे । जहा भी यह प्रयोग जिज्ञाशा के लिए दे रहा हू ।
इसे सद्कार्य हेतु इस्तेमाल करे नहीं तो शक्ति कई वार विपरीत स्थिति भी पैदा कर देती है । उस में यह प्रयोग दिया था । इसे अनुभूत किया यह घर से भी साध्य व्यक्ति को भी बुला लेता है । ऐसा परखा हुआ है । मोहनी जाळ फेकना आसन है, मगर उठाना उतना ही मुश्किल इस लिए इसे इस्तेमाल करने से पहले पुनः सोच विचार कर ले ।
इस का प्रयोग अति शक्तिशाली है । इस से अपने प्रतिबंधिओ को अपने अनुकूल कर मन चाहा कार्य संपन करा सकते है । यह साबर मोहनी जाल प्रयोग पहली वार आपके समक्ष ला रहा हू ।
साबर मोहनी जाल साधना विधि —
१. इसे लाल वस्त्र धारण कर करना चाहिए ।
२. आसन कुषा का जा कबल का ले सकते है ।
३. दिशा उतर रहेगी ।
४. मन्त्र जाप पाँच माला करना है । इस के लिए लाल चन्दन जा कुंकुम की माला / काले हकीक की माला इस्तेमाल कर सकते है ।
५ तेल का दीपक साधना काल में जलता रहेगा जब तक आप मन्त्र जाप करते है । दीपक में तिल का तेल इस्तेमाल करे तो जयादा उचित है ।
६. सोलह किस्म का सिंगार ले आये उसे वेजोट पे लाल वस्त्र विछा के उस पर रख दे और सात किस्म की मिठाई भी रख दे इस के इलावा छोटी इलाची और एक शीशी इतर पास रखे और एक मीठा पान का बीड़ा रख दे ।
७. साधना के बाद छोटी इलाची और इतर को छोड़ कर शेष समग्री किसी निर्जन स्थान पे उसी लाल वस्त्र में बांध कर छोड़ दे अथवा नदी में प्रवाहित करदे ।
८. वशीकरन के लिए एक इलाची ७ वार यह मन्त्र पढ़ किसी को खिला दे ।
९. जब आप किसी अधिकारी से मिलने जा रहे हो जो आपका कार्य नहीं कर रहा तो थोरा इतर लगा के चले जाये वोह आपकी बात जरुर सुनेगा ।
१०. इसे २१ दिन करना है और मन शुद रखे ।
११. सारी समग्री लाल वस्त्र पे रख के उस में तेल का दिया किसी पात्र में रख कर लगा दे और मन्त्र जाप शुरू करने से पहले गणेश पूजन गुरु पूजन और श्री भैरव पूजन अनिवर्य है ।
१२. काजल उतरने के लिए उस दिये पे एक मिटी के पात्र पर थोरा घी लगा के दिये से थोरा उचा रख सकते है । उस काजल से तीव्र संमोहन होता है । उसे आँखों में लगा के जिसे भी देखेगे समोहित हो जायेगा । साधना करते वक़्त ख्याल रखे कई वार मोहिनी भयानक रूप में सामने आ जाती है । जिस के काले वस्त्र होते है और रंग काला होता है । होठो पे ढेर सारी सुर्खी लगी होती है । आंखे बिजली की तरह चमक रही होती है । ऐसी हालत में न डरे नहीं तो मेहनत बेकार हो जाती है । और ना ही उसकी आंखो में देखने का प्रयत्न करे नहीं तो आप समोहित हो जाएगे और साधना रुक जाएगी बहुत धार्य से काम ले जब तक वोह वर मांगने को न कहे तब तक न बोले सिर्फ अपने मंत्र जप पे ध्यान दे । जब आपका मंत्र जप हो जाए तो उसे कहे के जब भी मैं आपको याद कर इस मंत्र का जप कर जिसे समोहित करना चाहु कर सकु आप ऐसा वर दे इस से समोहन की शक्ति आपको दे देगी उसे सिंगार मिठाई पान आदि प्रदान करे वोह खुश हो कर आपको सकल स्मोहन का बचन दे देगी अगर ऐसा न भी हो तो भी मंत्र सिद्ध हो जाता है और कार्य करने लगता है । पर अक्सर मंत्र सिद्ध हो जाता है और कार्य करने लगता है । साधना के बाद आप इसके प्रयोग की पुष्टि कर सकते है । भूल कर भी गलत कार्य में इसका इस्तेमाल न करे ।
साबर मोहनी जाल मंत्र :
{{ मोहिनी मोहिनी मैं करा मोहिनी मेरा नाम । राजा मोहा प्रजा मोहा मोहा शहर ग्राम ।। त्रिंजन बैठी नार मोहा चोंके बैठी को । स्तर बहतर जिस गली मैं जावा सौ मित्र सौ वैरी को ।।वाजे मन्त्र फुरे वाचा । देखा महा मोहिनी तेरे इल्म का तमाशा ।। }}

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जय माँ कामाख्या

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