ऋषि दर्शन मंत्र साधना

मंत्र : “सत नमो आदेश । गुरुजी को आदेश । ॐ गुरुजी । ओं निरंजनी निरा रुपी सोई जोत स्वरुपी बैठ सिद्धासन देवी जी ऋषि मन्त्र सुनाया आचार विचार ब्रह्माजी कर आद रचाया आओ ऋद्ध बैठो सिद्ध इलंगौ रुप विलंगी बाड़ी सवा शेर विष खाया दिहाडी जेती खाय तेती जरे तिस की रक्षा शम्भूजती गुरु गोरक्षनाथ जी करे । सोई पीवे सोई जरे सोई अमर रहे कहो जी सन्त कहां से आया, अमरपुरी से आया अमरपुर से क्या लाया ऋष मन्त्र ल्याया ऋष मन्त्र का करो विचार कौन कौन ऋष बोलिये आद ऋष जुगाद ऋष नारद ऋष, ऋष की कै पुत्री बोलिये । सूरा ऋष, पारा ऋष, माना ऋष सनकादिक, सनकादिक ऋष कि कै पुत्री बोलिये मेदनी पत्री अघोर-गायत्री कौन भाषा कौन शाखा शिव भाषा शक्ति शाखा ऋष मन्त्र अलख जी भाखा पढ़ ऋष मन्त्र ,कौली खावे गुरु के वचन अमरापुर जावे बिना ऋष मन्त्र कौली खावे पिण्ड पडे नरक में जावे, एता ऋषि मन्त्र जाप सम्पूर्ण भया । अनन्त कोट सिद्ध मे श्री शम्भूजती गुरु गोरक्षनाथ जी ने कहा श्री नाथजी गुरुजी को आदेश। आदेश। आदेश ।।”

Rishi Darshan Mantra Vidhi :

[इस ऋषि दर्शन मंत्र (Rishi Darshan Mantra) का पाठ करके ध्यान साधना में एकाग्रता आकर ऋषि, मुनि, साधु, सन्त के दर्शन होंगे । ४१ दिन पाठ करने पर वार्तालाप होगा । ध्यान के पूर्व २१ प्राणायाम करना अनिवार्य है।]
Read More : Shabar Mohini Jaal Mantra Sadhna

सम्पर्क करे (मो.) +91-9438741641  {Call / Whatsapp}

जय माँ कामाख्या

Feeling lost or need direction in life? Aghor Tantra - The Best Astrological Service Center in India offers the guidance you need. Their consultations provide clarity, solutions, and a truly life-altering experience.

Sharing Is Caring:

Leave a Comment