ब्रह्मांड की मूल शक्ति की आराधना से संकट का तुरंत करें समाधान

भारतीय संस्कृति के अप्रतिम ग्रंथों में तथा शास्त्रों और पुराणों में शक्ति की उपासना अर्थात दस महा विधयों की साधना और उपासना का विशेष महत्त्व है । शक्ति के विभिन रूप है जैसे- माँ दुर्गा, माँ काली। सच मे तो सभी देवीयाँ एक ही है । आद्याशक्ति कोध्र मे है तो काली, तारा और अगर ज्यादा कोध्र मे है तो धूमावती का स्वरूप है । इस प्रकार दयाभाव के भी विभिन्न स्वरुप है, जैसे प्रेम और पोषण करते समय भुवनेश्वरी, मातंगी और महालक्ष्मी कहलाती है । इसी प्रकार से शक्ति साधना में दस महाविद्याओं की उपासना होती है । यह सब महाविद्याएं ज्ञान, शक्ति भक्ति और मनवांछित फल प्रदान करने के लिए जानी जाती है ।
काली, तारा, त्रिपुरसुंदरी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, छिन्नमस्ता, बगलामुखी, मातंगी, कमला
दस महाविधाओं में भी दो कुल है, काली कुल और श्री कुल । चार काली कुल की साधना है और छः श्री कुल की साधना है । महाविद्या की साधना कोई भी कर सकता है । इनकी साधना शुरु करने से पहले आपको पंच शुद्धियों करनी ही चाहिए है । स्थान शुद्धि, देह शुद्धि, द्रव्य शुद्धि, देव शुद्धि और मंत्र शुद्धि । मगर इससे भी ज्यादा आवश्यकता है गुरु कृपा की । सद्गुरु अपने आदेशों और निर्देशों के माध्यम से शिष्य को समुचित साधना का ज्ञान देते है । साधक स्वयं को श्री गुरु के चरणों में समर्पित कर अनवरत शक्ति-साधन हेतु यजन-पूजन धारा में बह चले तो फिर कुछ भी असंभव नहीं रहता है ।
1. काली
माँ भगवती काली वैसे तो सुन्दर रूप वाली है मगर शत्रुओं का विनाश करने के लिए माँ भगवती दुर्गा का काला और भयप्रद रूप है । माँ की आराधना से बीमारी का नाश होता है और दुष्ट आत्माओं से छुटकारा, दुष्ट ग्रहों से निजात पाने, अकाल मृत्यु के भय से बचने के लिए माँ भगवती का पूजन अर्चन और यज्ञ से साधक का सर्वांगीण विकास होता है ।
2. तारा
माँ भगवती तारा को तारिणी भी कहा जाता है । मेघ रहित आकाश में रात्रि के समय प्रकाश के बिंदुओकी तरह बिखर हुए, टिमटिमाते प्रकाश वाले बहुत से तारे दिखालाई देते है, जिस पर देवी तारा की कृपा हो जाये उसे भला और क्या चाहिए । भगवती की आराधना से वाक सिद्धि तो अतिशीघ्र प्राप्त होती है साथ ही साथ तीब्र बुद्धि रचनात्मकता, डाक्टर, इंजिनियर बनने वालों की मनोकामना भी पूर्ण होती है । भगवती का स्तवन पूजन, यज्ञ करने के बाद जीव का जीवन आनंद से भर जाता है ।
3. त्रिपुर सुंदरी
माँ भगवती त्रिपुर सुंदरी भक्तों की कामना को पूर्ण करने के लिए सदा ही तत्पर रहती है दुनिया में ऐसा कोई काम नहीं जिसे माँ पूर्ण न कर सके । बस आवश्यकता है श्रद्धा और व् विश्वास के साथ माँ की आराधना करना । जिस काम मे देवता का चयन करने मे कोई दिक्कत हो तो देवी त्रिपुर सुन्दरी की उपासना कर सकते है । यह भोग और मोक्ष दोनो ही साथ-साथ प्रदान करती है । ऐसी इस दुनिया मे कोई साधना नही है जो भोग और मोक्ष एक साथ प्रदान करे ।
4. भुवनेश्वरी
माँ भुवनेश्वरी अपने भक्तों को सुख और साधन प्रदान करते है अर्थात संसार भर के ऐश्वर्या की स्वामिनी है माँ । माँ की आराधना प्रत्येक प्रकार के सुख मे वृद्धि करने वाली है । देवी भुवनेश्वरी की खास बात यह है कि यह बहुत ही कम समय मे प्रसन्न हो जाती है । इसलिए माँ की साधना मन एकाग्र करके करनी चाहिए ।
5. छिन्नमस्ता
माँ छिन्नमस्ता या “छिन्नमस्तिका” या प्रचंड चंडिका दस महा देवियों में से एक है । माँ भगवती छिन्नमस्तिका देवी शत्रु का तुरंत नाश करने वाली है । इनकी आराधना वाणी में ऊर्जा, रोजगार में सफलता, नौकरी तथा वर्तमान पद में बढ़ोतरी और अदालत में चलने वाले मुक़दमे में विजय प्रदान करती है ।
6. त्रिपुर भैरवी
माँ त्रिपुर भैरवी ऊपरी बाधाओं को दूर करने के लिए तो जानी ही जाती है मगर तांत्रिक प्रयोगो को सफल करने के लिए भी जानी जाती है । सुन्दर पति या पत्नी की प्राप्ति के लिए, प्रेम विवाह, शीघ्र विवाह, प्रेम में सफलता के लिए भगवती त्रिपुर भैरवी देवी की आराधना करनी चाहिए । माँ की साधना तुरंत प्रभावी है । जिस किसी तांत्रिक समस्या का समाधान नही हो, उस समस्या का समाधान भगवती तुरंत करती है ।
7. धूमावती
माँ भगवती धूमावती पार्वती का ही स्वरूप है । प्रत्येक प्रकार की द्ररिद्रता, तंत्र- मंत्र के लिए, जादू -टोना, बुरी नजर और भूत – प्रेत आदि समस्त भयों से मुक्ति के लिए जानी जाती है । भगवती की आराधना सभी रोगो का विनाश कर अभय प्रदान करती है, साधना मे आ रहे विघ्नों का विनाश करने के लिए और जीवन मे सुख प्रदान करने वाली देवी है । इन्हे अलक्ष्मी भी कहा जाता है ।
8. बगलामुखी
माँ भगवती बगलामुखी को माँ पीताम्बरा भी कहा जाता है । वाक शक्ति से तुरंत परिपूर्ण करने वाली माँ, अपने साधकों के शत्रुओं का नाश करती है । कोर्ट कचहरी में विजय दिलवाती है, प्रत्येक प्रकार की प्रतियोगिता परीक्षा में भी सफलता दिलाती है । भगवती की कृपा सरकारी कामों को पूर्ण करने के लिए भी जानी जाती है । इसलिए भगवती की आराधना समस्त प्रकार के कष्टों को दूर कर साधक को सफलता प्रदान करती है ।
9. मातंगी
भगवान शिव का नाम मतंग भी है । इसलिए उनकी शक्ति मातंगी कहलाती है । भगवती का वर्ण श्याम है और मस्तक पर चंद्रमा भी विराजित है । मातंगी देवी घर ग्रहस्थी मे आने वाले सभी विघ्नो को दूर करने वाली है, जिसकी शादी ना हो रही, संतान प्राप्ति, पुत्र प्राप्ति के लिए या किसी भी प्रकार के ग्रहस्थ जीवन की समस्याओं को दूर करने के लिए देवी मातंगी की आराधना उत्तम है । इनकी कृपा से स्त्रीयो का सहयोग सहज ही मिलने लगता है ।
10. कमला
माँ भगवती कमला सौन्दर्य प्रदान करने वाली देवी है । इस संसार मे जितनी भी सुन्दर लडकीयाँ है, सुन्दर वस्तु, पुष्प आदि है यह सब इनका ही तो सौन्दर्य है । गायत्री की कृपा से मिलने वाले वरदानो में एक लक्ष्मी भी है । हर प्रकार की आराधना मे रिद्धि सिद्धि दिलाने वाली, अखंड धन धान्य प्राप्ति, ऋण का नाश और महालक्ष्मी जी की कृपा के लिए कमल पर विराजमान देवी की साधना करनी चाहिए । माँ भगवती का पूजन दीपावली को भी किया जाता है ।

ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (मो.) 9438741641/ 9937207157  {Call / Whatsapp}

जय माँ कामाख्या

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