मांगलिक दोष से बचाव कैसे करें?

मांगलिक दोष : मेष व वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल मकर में उच्च का और कर्क में नीच का माना गया है। सूर्य और बुध मिलकर मंगल नेक बन जाते हैं, सूर्य और शनि मिलकर मंगल बद बन जाते हैं। गुरु मित्र के साथ बलवान बन जाते हैं । राशि प्रथम भाव है और बुध और केतु शत्रु। शुक्र, शनि और राहु सम। मंगल के साथ शनि अर्थात राहू । नेक मंगल हनुमानजी और बद मंगल वीरभद्र या जिन्न की तरह होते हैं।

मांगलिक दोष जन्म जातक :

किसी भी व्यक्ति की जन्मकुंडली में मंगल लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में से किसी भी एक भाव में है तो यह ‘मांगलिक दोष’ कहलाता है। कुछ विद्वान इस दोष को तीनों लग्न अर्थात लग्न के अतिरिक्त चंद्र लग्न, सूर्य लग्न और शुक्र से भी देखते हैं। मान्यता अनुसार ‘भौम दोष’ वाले जातक की पूजा वर अथवा कन्या का विवाह किसी ‘मांगलिक दोष’ वाले जातक से ही होना आवश्यक है।

मांगलिक दोष उपाय :

1.प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ना चाहिए।
2.सफेद सुरमा 43 दिन तक लगाना चाहिए।
3.नीम के पेड़ की पूजा करनी चाहिए।
4.गुड़ खाना और खिलाना चाहिए।
5.क्रोध पर काबू और चरित्र को उत्तम रखना चाहिए।
6.मांस और मदिरा से दूर रहें।
7.भाई-बहन और पत्नी से संबंध अच्छे रखें।
8. पेट और खून को साफ रखें|
9.विवाह नहीं हुआ है तो पहले कुंभ विवाह करें।
 
To know more about Tantra & Astrological services, please feel free to Contact Us :
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार: मो. +91 – 9438741641  {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या

Feeling lost or need direction in life? Aghor Tantra - The Best Astrological Service Center in India offers the guidance you need. Their consultations provide clarity, solutions, and a truly life-altering experience.

Sharing Is Caring:

Leave a Comment