अद्वितिय श्वप्नेश्वरी साधना प्रयोग

अद्वितिय श्वप्नेश्वरी साधना प्रयोग

श्वप्नेश्वरी साधना : साधक श्वप्नेश्वरी साधना करके अपने स्वप्न में जिस भी देबी देबताओं को पूजते है, उनसे स्वयं बाते कर सकते हैं । इस साधना को सम्पूर्ण करने के लिए इन सामग्री की आपको आबश्यकता होगी ।
 
सामग्री : देबी का चित्र जो कांच के फ्रेम में बंधा होना चाहिए, जलपात्र, केसर, अख्यत, कार्यसिद्धि माला, सफेद रंग का सूती आसन, अगरबती, दीपक आदि ।
 
सर्बप्रथम गुरु पूजन करे। गुरू पूजन के पश्चात् गुरु चित्र के समीप ही पीली सरसों की ढेरी बनाएं । अब साधक दाहिने हाथ में जल लेकर बिनियोग सम्पन्न करें ।
 
श्वप्नेश्वरी साधना बिनियोग : अस्य स्वप्नेश्रीमंत्रस्य अपमन्युऋषि: बृहतीछन्द: स्वप्नेश्वरी देबता ममाभीष्टसिद्धयर्थे जपे बिनियोग.. ।
 
इसके पश्चात् साधक बाएं हाथ में जल लेकर दाहिने हाथ से जल से निम्नलिखित अंगों का स्पर्श करें ।
 
करन्यास:-
ॐ श्रीं अंगुष्ठाभ्यां नम: ।
स्वप्नेश्वरी तर्जनीभ्यां नम: ।
कार्य मध्यमाभ्यां नम: ।
मे अनामिकाभ्यां नम: ।
बद कनिष्ठिकाभ्यां नम: ।
स्वाहा करतलकरपृष्ठाभ्यां नम: ।
 
इति करन्यास:
इसके पश्चात् साधक हृदय की शुद्धता के साथ बाएं हाथ में जल लेकर अग्रलिखित मंत्र का उचारण करते हुए दाहिने हाथ से अंगों पर जल स्पर्श कराएं ।
 
ह्रुदयादिषडड्गन्यास:-
ॐ श्री ह्रुदयाय नम: ।
स्वप्नेश्वरी शिरसे स्वाहा।
कार्य शिखायै बषट्।
मे कबचाय हुम्।
बद नेत्रत्रयाय बौषट्।
स्वाहा अस्त्राय फट्।
इति हृदयादिष्ड्ड्गन्यास: ।
 
इसके प्रश्चात् साधक स्वप्नेश्वरी देबी का ध्यान निम्नलिखित ध्यान मंत्र से पूर्ण करें ।
 
श्वप्नेश्वरी साधना ध्यान :
ॐ बराभये पदयुगं दधानां करैश्च्तुर्भि: कनकासनस्थानम्।
सिताम्बरां शरदचंद्रकांन्ति स्वप्नेश्वरी नौमि बिभूषणाठायाम्।।
 
इसके पश्चात् साधक सुपारियों के मध्य “स्वप्नेश्वरी यंत्र” स्थापित करें तथा उसका दैनिक पूजा बिधान के अनुसार पूजन करे । पूजन के पश्चात् साधक निम्नलिखित मंत्र की ११ माला मंत्र जप स्वप्न सिद्धि माला से करें ।
 
श्वप्नेश्वरी साधना मंत्र : ॐ श्री स्वप्नेश्वरी कार्य मे बद् स्वाहा ।।
 
शुक्रबार से प्रारम्भ कर अगले शुक्रबार को यह साधना सम्पन्न करनी होती है और “स्वप्नेश्वरी सिद्धि” प्राप्त हो जाती है, फिर जब भी किसी प्रकार के प्रश्न का उत्तर जानना हो, तो बह प्रश्न एक कागज पर लिखकर यंत्र के सामने रख दें और सात माला मंत्र जप करें । मंत्र जप के पश्चात कागज को बिस्तर के नीचे रखकर सो जाएं। साधना की पूर्णता के पश्चात् यंत्र को जल में बिसर्जित कर दें तथा माला को अलग रख दें । जिस दिन कोई बिशेष समस्या हो तो १ माला मंत्र जप कर सो जाएं, रात्रि में स्वप्न में प्रश्न का उत्तर अब्श्य प्राप्त होता है ।
 
रात को अब्श्य ही स्वप्नेश्वरी देबी सूख्म रूप में अपस्थित होकर प्रश्न का उत्तर स्पष्ट रूप से बता देती है, जो कि साधक को स्मरण रहता है । इसके माध्यम से साधकों ने अदितीय सफलताएं प्राप्त की हैं ।
 ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार – 9438741641 (call/ whatsapp)

Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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