Adbhut Totka Tantra

Adbhut Totka Tantra :

पंच तत्व अपने आप मे ही महत्वपूर्ण है और यह हमारे आसपास किसी न किसी रूप मे होते ही है । अतः इन तत्वों की अवहेला भी कई बार विविध स्वास्थ्य सबंधी तथा लक्ष्मी सबंधी समस्याओ को आमंत्रण देता है ।
अक्सर व्यक्ति छोटी चीजों को भूल कर विविध बड़े बड़े अनुष्ठान करवाने के लिए तैयार हो जाता है । लेकिन अगर व्यक्ति छोटी छोटी चीजों पर ही ध्यान देना शुरू कर दे, तो बड़ी समस्या की पृष्ठभूमि ही नहीं बनेगी । हमारे वेदों ने जब इन तत्वों को देवताओं की संज्ञा दी है तब इनका किसी भी रूप मे अपमान योग्य नहीं है । निचे विविध ग्रंथो से संगृहीत तत्वों से सबंधित कुछ टोटका तंत्र (Totka Tantra) प्रस्तुत किये जा रहे है ।
• घर मे तुलसी का और यथा संभव किसी भी प्रकार का पौधा सुख जाए तो उसे घर मे नहीं रखना चाहिए, यह भूमि तत्व से सबंधित दोष है । इससे घर मे लक्ष्मी तथा स्वस्थ सबंधित समस्याए बढती है । इस प्रकार जब कोई पौधा घर मे सुख जाए तो उसे अपनी मिटटी के साथ ही नदी या समुद्र मे प्रवाहित कर दे ।
• अपने घर के मुख्य द्वार के पास स्थिर पानी नहीं रखना चाहिए । यथा संभव मुख्य द्वार के सामने बहार की तरफ भरा हुआ जल स्त्रोत ठीक नहीं है । इससे भी साधक लक्ष्मी से सबंधित समस्याओ से पीड़ित रह सकता है । इसके निवारण हेतु साधक को अपने दरवाज़े पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाना चाहिए । यह टोटका तंत्र (Totka tantra) आगे आनेबाला समस्त बिपति से आपको सुरक्षा प्रदान करता है
• घर मे जहा पर भी पानी लीक हो रहा हो उसे तुरंत ठीक करवा लेना चाहिए । घर मे पानी का टपकता रहना योग्य नहीं कहा जाता तथा ऐसे घर के सभ्यो मे मानसिक रोग की सम्भावना बढ़ जाती है ।
• मंदिर की ध्वजा की परछाई अगर किसी घर पर पड़ती हो तो वहा पर पृथ्वी दोष लगता है ऐसा विवरण कई ग्रंथो मे है, ऐसे घर मे रहने वाले व्यक्ति किसी न किसी रूप मे रोग के शिकार होते रहते है । व्यक्ति को अपने घर मे क्षेत्रपाल की स्थापना कर रोज गुड का भोग लगाना चाहिए ।
• स्मशान के पास गृह होने पर घर के अंदर से जलती हुई चिता को देखने से अग्नि तत्व से सबंधित दोष लगता है । इसके निवारण हेतु साधक को ३ अंजुली जल सूर्य को या तुलसी को चडा कर अग्नि देव से माफ़ी मांगे तथा मृत आत्माओ की मुक्ति के लिए प्रार्थना करे ।
• सूर्य को सूर्योदय के समय अर्ध्य देना अत्यधिक उत्तम होता है । उस समय “औम घृणी सूर्य आदित्याय सर्व दोष निवारणाय नमः” का ११ बार उच्चारण करने से सभी दोषों से मुक्ति मिलती है । यह एक अनुभूत टोटका तंत्र (Adbhut Totka Tantra) है, जो हर आदमी उनकी जीबन में उतारना चाहिए ।
• संध्या काल मे साधक अगर निर्जन वातावरण मे ५ अगरबत्ती पंच तत्वों को याद कर के लगा दे तथा पूर्वजो को मदद के लिए प्रार्थना करे तो सर्व लक्ष्मी तथा स्वास्थ्य सबंधित दोषों की निवृति होती है । यह एक अनुभूत टोटका तंत्र (Anubhut Totka Tantra) है
• सूर्यास्त के समय अपने जल संग्रह स्थान के पास एक दीप जलने पर आकाश तथा जल स्वास्थ्य सबंधित सर्व दोषों की निवृति होती है ।
• लक्ष्मी सबंधित गेबी मदद प्राप्त करने के लिए कोई कुवां खोजे और सूर्यास्त मे उसमे से जल निकाले, रात्रि काल मे उस जल से वही पर नग्न हो कर स्नान करे । इसके बाद किसी दरगाह या मज़ार पर मिठाई का भोग लगा कर एक हरा धागा वहा से उठा ले । उस धागे पर “अल्लाहु मदद” का ८८ बार जाप कर के किसी तावीज़ मे भर कर हाथ या गले मे पहेन ले । और रोज “अल्लाहु मदद” का यथा संभव जाप करे । एक हफ्ते की भीतर इस टोटका तंत्र (Totka Tantra) कि प्रभाब से मदद प्राप्त होती है । एक हफ्ते बाद तावीज़ को उसी मजार पर चडा दे । जल कुवे का ही होना चाहिए और स्नान वही पर करना है ।
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