शांति का दूत और प्रतीक माने जाने वाले कबूतर के बारे में कई बातें सदियों से सुनी-सुनाई जाती रही है । ऐसी मान्यता है कि उसकी गुटर गूं की आवाज और पंखों को फड़फड़ाना शुभ संकेत देता है । यदि कबूतर की आवाज सुबह के समय सुनाई तो वह धनागमन का संकेत होता है, जबकि दोपहर बाद सुनने को मिले तो प्रेम-संबंध में मधुरता बढ़ जाती है । इसी तरह से उसका रात के समय सिर के ऊपर से उडते हुए गुजरने से कष्ट में कमी के संकेत मिलते हैं ।
कबूतर के पंख में कई रहस्य छिपे हैं, जिनका सही उपयोग से जीवन में खुशहाली लाई जा सकती है । इनके लिए दाना डालना और उसके जोड़े की सुरक्षा करना एक पुण्य कार्य होता है । उसका असर आपके जीवन पर भी पड़ता है और दूसरों के साथ बात-व्यवहार में सकारात्मकता के विचार आते हैं । वे उपाय (Kabootar Ke Totke) इस प्रकार हैं …..
Kabootar Ke Totke For Hapiness in the Home :
कबूतर का एक पंख लें और उसे साफ-सफेद कपड़े में लपेटकर लाल धागे से बांध दें । ध्यान रहे पंख को कोई हिस्सा बाहर से नहीं दिखे और उसका पंख भी टूटने नहीं पाए । उसे घर के अलमारी में पैसा रखने की जगह या फिर दुकान आदि की तिजोरी में रख दें । इस कबूतर के टोटके (Kabootar Ke Totke) करने के कुछ समय बाद आप पाएंगे की अपके पैसे की किल्लत दूर हो गई है । यह कहें कि कबूतर के पंख में रुपये-पैसे के वशीकरण की अद्भुत शक्ति है ।
Kabootar Ke Totke For Remove Household Fights :
कबूतर के पंख में घरेलू कलह को हमेंशा के लिए खत्म करने की क्षमता है । कहते हैं कि जिस भी घर में कबूतर होते हैं वहां सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर में तरक्की होती है । यदि घर के किसी सदस्य को या फिर उसकी वजह से दूसरे सदस्यों को परेशानी होती हो तो इसे दूर करने के लिए कबूतर के तीन पंख का एक टोटका (Kabootar ke Totke) करें ।
उन पंखों को सूर्योदय से पहले स्नान के बाद दूसरों की नजर बचाकर घर लाएं । उसपर पड़ी धूल आदि गंदगी को अच्छी तरह से साफ कर गंगाजल से शुद्ध कर लें । उसके बाद एक पंख को अपने घर के मुख्य कमरे में दक्षिण दिशा में छिपाकर रख दें ।
इसी तरह से दूसरे पंख को रसोई घर और तीसरे पंख को बाथरूम में पूर्व या उत्तर दिखा तरफ छिपा कर रख दें । उसके बाद अपने पूजा स्थल में गृह कलेश को खत्म होने की मन्नत मांगते हुए गायत्री मंत्र का 108 बार जाप उंगलियों पर गिनती के साथ या फिर रूद्राक्ष की माला से करें । वह मंत्र इस प्रकार हैः
{{ ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥}}
@ क्बूतरों के लिए दाना अपने छत पर डालने के बजाया घर के आंगन या बाहर या फिर बालकनी में डालें । ज्योतिष के अनुसार कबूतर में देवी लक्ष्मी का वास होता है । ज्योतिष में कबूतर बुध और छत राहू का प्रतीक है । इस कारण जब छत पर दाना डाला जाता है तब बुध का राहू को साथ मेल हो जाता है, जो अशुभ फल देता है ।
@ कबूतर की बीट के साथ लोबान के कंडे पर धूप देकर घर में धुंआं करें। इस से सुख-शांति का वातावरण बनता है । इस कबूतर बिट के कार्य (Kabootar Ke Totke) को रविवार और बुधवार को सुबह-शाम करना चाहिए ।
@ घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में चांदी के कबूतर का जोड़ा बनाकर रखने से वैवाहिक जीवन में आनंद का वातावरण बना रहता है । इसी तरह से घर के ड्राइंग रूम के पश्चिम-उत्तर दिशा में चांदी के दो कबूतर बनवाकर रखने से घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है ।
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जय माँ कामाख्या