सिद्ध कुंजिका वशीकरण मंत्र साधना

Siddh Kunjika Vashikaran Mantra Sadhna :

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र से वशीकरण मंत्र साधना (Vashikaran Mantra Sadhna) का प्रयोग कर किसी को भी अपने वश में कर सकते है और सिद्ध कुंजिका की सिद्धि द्वारा कोई भी कार्य में सफलता प्राप्त की जा सकती है मां दुर्गा शक्ति के रूप में प्रतिष्ठित है । उनकी विशेष कृपा हेतु उनकी विशेष पूजा अर्चना की जाती है और दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है । लेकिन यह पाठ सभी के लिए संभव नहीं है क्योंकि यह काफी वक्त लेता है । इसलिए आज हम यहां पर सिद्ध कुंजिका वशीकरण मंत्र साधना (Siddh Kunjika Vashikaran Mantra Sadhna) प्रयोग विधि लेकर आए हैं अपने पाठकों के लिए । मां दुर्गा की कृपा पाने हेतु सिद्ध कुंजिका मंत्र भी बहुत लाभदायक सिद्ध होता है । यह वशीकरण मंत्र साधना विधि (Vashikaran Mantra Sadhna Vidhi) अत्यन्त ही कल्याणकारी एवं गोपनीय साधना है और जिसके प्रभाव बहुत ही अचूक है तथा इसका फल भी सप्तशती पाठ के अनुरूप ही मिलता है ।

Vashikaran Mantra Sadhna Vidhi :

१)मंत्र :  “ओम् ऐं ह्वीं क्लीं कालिके ह्वीं विच्चे”–यह सिद्ध कुंजिका वशीकरण मंत्र साधना प्रयोग (Vashikaran Mantra Sadhna Prayog) का एक अभूतपूर्व गोपनीय एवं अति ही कल्याणकारी मंत्र है । यह किसी को भी अपने वश में कर सकता है और साधक की विभिन्न समस्या को दूर करता है। जैसा कि नाम से ही ज्ञात हो जाता है कि यह मंत्र स्वयंसिद्ध है, अत: इसे ज्यादा सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। इस मंत्र का प्रयोग करने के लिए शुक्ल पक्ष की एकम से नवमी तक नौ दिन या किसी भी मंगलवार से आरंभ करके अगले नौ दिन तक अथवा नवरात्रि के नौ दिन उपयुक्त है। इसके लिए आप अपने अभिष्ट दिवस को शाम ७:०० से १२:०० के बीच के समय का चयन करे । वशीकरण मंत्र का जाप करने के लिए आपको एक एकांत स्थान पर लाल आसन बिछाकर उत्तर की ओर मुख करके बैठ जाना है। अब आप १० बार प्राणायाम करे, फिर उपरोक्त मंत्र का १० मिनट तक लगातार पाठ करें। इस प्रयोग को नौ दिनों तक लगातार दोहराए। अगर आपको अपने ही किसी को वश में करना है तो पाठ करते वक्त अपना मुख उत्तर की तरफ, शत्रु को वश में करना है तो अपना मुख दक्षिण दिशा की ओर, नौकरी में पदोन्नति के लिए मुख पूर्व दिशा की ओर तथा किसी से अनबन दूर करना हो तो अपना मुख पश्चिम दिशा की ओर रखकर पाठ करे। मंत्र साधना का प्रयोग १८ वर्ष के ऊपर का कोई भी व्यक्ति कर सकता है । बस ध्यान देने योग्य बात यह है कि पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन किया जाए और सात्विक भोजन ग्रहण किया जाए ।
२) मंत्र : “ओम् ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाय विच्चे । ओम् ग्लौं हुं क्लीं जू: स: ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्वीं क्लीं चामुंडाय विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा”–इस वशीकरण मंत्र साधना (Vashikaran Mantra Sadhna) को प्रयोग करने के लिए पहले आप इसे सिद्ध कर ले । किसी भी शुभ दिन को देखकर आप यह क्रिया आरंभ कर सकते हैं । इसके लिए आप अभिष्ट दिन सुबह ११:०० बजे के पहले स्नानोपारान्त पूर्व दिशा की ओर एक लकड़ी की चौकी रखे। इसके ऊपर लाल कपड़ा बिछाकर दुर्गा मां की मूर्ति को स्थापित करे । अब चौकी के बाएं तरफ एक अन्य चौकी रखे । इसके ऊपर गणेश जी को स्थापित करे। गणेश जी को स्थापित करने के लिए एक मिट्टी की गोली या साबूत सुपारी लेकर उसके चारों तरफ मौली लपेटे। एक कटोरी के अन्दर कुछ चावल रख कर उसके ऊपर गणेश जी की स्थापना करें चौकी के ऊपर लाल कपड़ा बिछा कर। गणेश जी और दुर्गा जी का धूप-दीप और फूल व प्रसाद से पूजन करे । गणेश जी का आह्वान करे, साथ ही साथ अन्य देवी देवताओं का भी आह्वान करे। एक दीपक जलाए और ऊपर दिए गए मंत्र का पाठ करे। मंत्र जाप के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करे। यह वशीकरण मंत्र साधना (Vashikaran Mantra Sadhna) ४१ दिनों तक लगातार रोज करे।
ध्यान रहे आप जिस वक्त, जिस स्थान पर पाठ आरंभ करते हैं प्रतिदिन उसी वक्त, उसी आसन पर और उतने ही पाठ आपको करने है जितने अपने पहले दिन किए थे। पाठ की संख्या या माला की संख्या आप बढ़ा सकते हैं लेकिन कम ना करे। ४१ दिन समाप्त होने के बाद आप हवन करें और कुल संख्या में जितने पाठ हुए हैं उसका दशांश अर्थात दसवां भाग आप आहुति दे हवन कुंड में। फिर अपनी श्रद्धानुसार पाँच, सात या नौ कन्याओं को सम्मान पूर्वक भोजन कराएं और वस्त्र तथा दक्षिणा दे। ध्यान रहे पाठ आरंभ करने के बाद एक दिन भी नागा ना हो और इन दिनों शुद्ध शाकाहारी और ब्रह्मचर्य का पालन करे। पाठ सिद्ध होने के बाद मां देवी दुर्गा की कृपा से आप जिसे वश में करना चाहेंगे वह आपके वश में हो जाएगा, धन-संपत्ति की प्राप्ति होगी, समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा और साथ-साथ आप इस पाठ का प्रयोग दूसरों की भलाई के लिए भी कर सकते हैं ।
३) मंत्र : “बारा राखौं, बरैनी, मुंह म राखौं कालिका। चंडी म राखौं मोहिनी, भुजा म राखौं जोहनी। आग म राखौं सिलेमान, पाछे म राखौं जमादार जाँघे म राखौं लोहा के झार, पिण्डरी म राखौं सोखन वीर। उल्टन काया, पुल्टन वीर, हाँक देत हनुमंता छुटे राजा राम के परे दोहाई, हनुमान के पीड़ा चौकी कीर करे बिट बिरा करे मोहिनी-जेहिनी सातों बहिनी। मोह देबे जोह देबे, चलत म परिहारिन मोहों। मोहों बन के हाथी, बत्तीस मंदिर के दरबार मोहों। हाँक पर मिरहा मोहिनी के जाय, चेत संभार के। सत गुरु साहेब।।
इस वशीकरण मंत्र साधना (Vashikaran Mantra Sadhna) का प्रयोग करने के लिए सबसे पहले आपको १०० ग्राम गुड़, एक नींबू, एक नारियल, दो अगरबत्ती, अल्प मात्रा में सिंदूर, रुद्राक्ष की माला, लाल अथवा सफेद रंग का आसन, काला कपड़ा आदि वस्तुओं की जरूरत पड़ेगी ।
अब वशीकरण प्रयोग के लिए आप किसी शनिवार अथवा अमावस्या की रात को ११:०० बजे एक एकांत स्थल पर आसन बिछाकर बैठ जाए उत्तर की तरफ मुख रखकर । अपने सामने काला कपड़ा बिछाकर उसके ऊपर सारी सामग्री रख दे । बगल में दो अगरबत्ती जला ले । अब दिए गए मंत्र का १०८ बार जाप करें रुद्राक्ष की माला की सहायता से । जाप करने के पश्चात सारी सामग्री को किसी पीपल के पेड़ के नीचे गड्ढा खोदकर दबा दे या किसी सुनसान स्थान पर मिट्टी के नीचे दबा दे । यह वशीकरण मंत्र साधना (Vashikaran Mantra Sadhna) करने के बाद वापस घर आ जाए और आते वक्त पीछे मुड़कर ना देखे । इतना करने से आपका मंत्र सिद्ध हो जाएगा । अब आप जब भी आपको इस मंत्र का प्रयोग करना है या किसी को वश में करना है तो संबंधित व्यक्ति का स्मरण करते हुए इस मंत्र का २१बार जाप करे, आपको अभिष्ट फल की प्राप्ति होगी । यह वशीकरण प्रयोग कर किसी को भी अपने वश में कर सकते हैकोई भी चाहे आपका दुश्मन हो या आपका प्रेमी और प्रेमिका इसको अभिमंत्रित करने के बाद हर कोई होगा आपके कदमो में

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