परविद्या भक्षिणी मंत्र प्रयोग कैसे करें ?

शास्त्रो में लिखा है यदि आप को आर्थिक मानसिक, शारीरिक हानि पहुचाने के उद्धेश से किसी स्वार्थी व्यक्ति द्वारा कोई अभिचाारिक कर्म आप के विरूद्ध कराया हो तो भगवती बगला मुखी का यह परविद्या भक्षिणी प्रयोग अति उत्तम है ।
परविद्या भक्षिणी मंत्र (Parvidya Bhakshini Mantra) प्रयोग की यह विशेषता है कि विरोधी द्वारा प्रयोग की गई विद्या का हरण कर, शमन कर देती है ।
यह परविद्या भक्षिणी मंत्र विद्या (Parvidya Bhakshini Mantra Bidya) 1 लाख जप से सिद्व होती है । जिसे 14 से 21 दिनों में पूर्ण कर लेते हैं । यदि यह प्रोग्राम ठीक चला तो 5 किलो मीटर तक कोई भी विद्या कार्य नही करेगी । यदि परविद्या भक्षिणी मंत्र के बाद विपरीत प्रत्यगिरा मंत्र लगा कर जाप करे तो वह गड़ंत को नष्ट कर देता है ।
संकल्प : ऊँ तत्सद्य……….प्रसाद सिद्धी द्वारा पर कृत्या नष्टार्थे पर-मंत्र, पर-तन्त्र, पर-यंत्र भक्षार्थे च मम सर्वाभीष्ठ सिद्धियर्थे भगवती बगला मूलमंत्र सम्पुटे पर विद्या भक्षिणी मंत्र एक लक्ष जपे अहम् कुर्वे ।
मंत्र : “ऊँ ह्लीं श्रीं ह्रीं ग्लौं ऐ क्लीं हुं क्षौं बगला मुखि पर प्रयोगम् ग्रस ग्रस, ऊँ 8 ब्रम्हास्त्र रूपिणि पर विद्या-ग्रासिनि! भक्षय भक्षय, ऊँ 8 पर-प्रज्ञा हारिणि! प्रज्ञां भ्रंशय भ्रंशय ऊँ 8 स्तम्भ नास्त्र रूपिणि! बुद्धिं नाशय नाशय, पच्चेन्द्रिय-ज्ञांन भक्ष भक्ष, ऊँ 8 बगला मुखि हुं फट् स्वाहा ।” (127 अक्षर) ( जहाँ 8 है वहां ह्लीं से क्षौम तक पढ़ें )
विनियोग : ऊँ अस्य श्री पर विद्या-भेदिनी बगला मुखी मन्त्रस्य श्री ब्रह्मा ऋषिः, गायत्री छन्दः, पर विद्या भक्षिणी श्री बगलामुखी देवता, आं बीजं, ह्ल्रीं शक्ति, क्रो कीलंक, श्री बगला-देवी-प्रसाद सिद्धि द्वारा पर-विद्या भेदनार्थे जपे विनियोगः।
ऋष्यादि न्यास : श्री ब्रह्मर्षये नमः शिरसि, गायत्री छन्दसे नमः मुखे, पर विद्या भक्षिणी श्री बगलामुखी देवतायै नमः हृदि, आं बीजाय नमः गुहो, ह्ल्रीं शक्तिये नमः पदियोः, क्रों कीलकाये नमः सर्वाग्ङे, श्री बगलादेवी प्रसाद सिद्धि द्वारा पर विद्या भेदनार्थेजपे विनियोगाय नमः अज्जलौ।
कर-न्यास : आं हृीं क्रों अंगुष्ठाभ्यां नमः, वद वद तर्जनीभ्यां स्वाहा, वाग्वादिनि मध्यमाभ्यां वषट्, स्वाहा अनामिकाभ्यां हुं, ऐ क्लीं सौं कनिष्ठाभ्यां वौष्ट्, ह्ल्रीं करतल-कर-पुष्टाभ्यां फट्।
अग्ङ न्यास : आं ह्ल्रीं क्रों हृदयाय नमः, वद वद शिर से स्वाहा, वाग्वादिनि शिखायै वषट्, स्वाहा कवचाय हुं, ऐं क्लीं सौ नेत्र-त्रयाय वौष्ट्, ह्ल्रीं अस्त्राय फट्।
Parvidya Bhakshini Mantra Dhyan :
सर्व मंत्र मयीं देवीं, सर्वाकर्षण-कारिणीम्।
सर्व विद्या भक्षिणी च भजेऽहं विधि पूर्वकम्।
हवन सामग्री : हल्दी, पीली सरसों साबुत लाल मिर्च हवन सामग्री जिसे कडुवे तेल में साना गया।
To know more about Tantra & Astrological services, please feel free to Contact Us :
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (मो.) 9438741641 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या

Feeling lost or need direction in life? Aghor Tantra - The Best Astrological Service Center in India offers the guidance you need. Their consultations provide clarity, solutions, and a truly life-altering experience.

Sharing Is Caring:

Leave a Comment