गण साधना कैसे करें ?

Gan Sadhana Kaise Karein ?

गणेश, शिब, भैरब, काली, इन्द्र, बिष्णु आदि अनेक देबता हैं जिनके गणों की साधना की परम्परा रही है । और प्रत्येक देब की गण उपसना का प्रकार भी भिन्न तरह का होता है । प्रत्येक देबता के गणों की संख्या भी बहुत सारी हैं ।

Gan Sadhana Parichay :

यहाँ पर गणेश्वर (गणेश जी) के गण की उपासना का बिधान दिया जा रहा है । यह गण साधक को धर्म के मार्ग में प्रबृत करता है, धन से सहायता करता है, शत्रुओं को मित्र बना देता है, और अधर्म से दूर ले जाता है साधक की सद्गति कराता हैं ।

Gan Sadhana Me Bhed :

गणेश्वर के भी गणों में बहुत सारे भेद – २७ प्रकार के गणभेद कहे गए हैं । इसके अतिरिक्त भी अनेकों गणभेद केबल गणेश परम्परा में हैं । बिष्णु, इन्द्र, काली, शिब, भैरब आदि में तो असंख्य भेद हैं । यहाँ एक प्रकार के सामान्य गण की उपासना कही गई है यद्यपि यह उपासना भी बीरभाब की साधना ही है ।

Benefits Of Gan Sadhana :

ग़ण साधना का प्रत्यक्ष फल साधना के बाद जीबन में दीखने लगता है । साधक की मनोबृति और बिचार तेजी से बदलते हैं । बह सांसारिकता से ऊपर उठकर धर्म की और चल पडता है । धनादि से सुखी होने लगता है और उसे गणेश जी की भक्ति, गण की कृपा से दृढरूप से मिलती है ।

Gan Sadhana Vidhan :

३९ दिन तक सूने शिब मन्दिर, काली मन्दिर, गणेश मन्दिर या भैरब मन्दिर पर गण साधना करनी चाहिए । रात्रिकालीन सभी पूजाओं में सायंकाल स्नान करना आबश्यक होता है । तदुपरान्त संकल्प करें कि अमुक देबता के एक गण की साधना हेतु मैं ३९ दिन तक साधना का संकल्प करता हूँ । फिर पूजा मंत्र से जल फूल आदि से पूजाकर दूध मिठाई का भोग लगाबें और ३३ माला जप नित्य करें। नित्य पूजा का भोग लगाबें । ३९ बें दिन गण स्वयं अथबा गण का देबता अदृश्य रहकर आशीर्बाद देता है ।

Gan Sadhana Mantra :

मंत्र : “ॐ नमो: गणेश्वर एकं गणं मम सहायकं, कुरू कुरू पूजाहं करिष्ये स्वाहा।।”

पूजा मंत्र : “ॐ नमो: गणाय गणेश्वराय च स्वाहा।।”

इस मंत्र से पूजा करें और पूजन गणेश्वर तथा गण के लिए दो मण्डल बनाकर अलग-अलग करें ।

Gan Sadhana Ke Paschat :

जो भी गण सिद्ध होगा बह सदैब धर्म निहित कार्यो में ही सहायक होता है । अधर्म के कार्यो में सहायता नहीं करता बल्कि स्वयं रोकता है । बिशेष बात यह हैं कि और सिद्धियों में देबता साधक के कहे पर चलते हैं परन्तु गण साधना कर लेने पर साधक को गण के अधीन चलना पडता है । साधक को गण की सेबा भी नित्य पूजा के साथ करनी पडती है ।

गण जो धनलाभ कराबे उसका सदुपयोग ही करें । दुरूपयोग न करें अन्यथा गण धन नष्ट कर देते हैं ।

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Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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