अघोर भूत प्रेत साधना सिद्धि मंत्र का जाप

अघोर भूत प्रेत साधना सिद्धि मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जिसका उपयोग भूतों और प्रेतों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है । यह मंत्र अत्यंत गुप्त और शक्तिशाली है और इसका उपयोग केवल योग्य और अनुभवी साधक द्वारा ही किया जाना चाहिए । इस मंत्र का जप करने से साधक को भूतों और प्रेतों पर नियंत्रण प्राप्त होता है और वह उनसे अपनी इच्छानुसार कार्य करवा सकता है ।

Aghor Bhoot Pret Sadhana Siddhi Mantra :

भूत प्रेत मंत्र : “ओम नमो भूतेश्बर भैरब नाथ मंत्र शम्शाण भूत-प्रेतादि साध्य साध्य सर्बप्रेतात्मा बशयं कुरु कुरु हूँ हूँ फट् स्वाहा ।”
 
!! अथबा !!
“सुंशांण मशाण समान, जगे भूत नाचे शोतान हमारो
बुलाया ना आबे तो शंकर महादेब की आण फिरें ।
दादा गुरो मछन्दर नाथ की आणे फिरे । माई काली
मसाण बाली की आंगना फिरे । चलो मंत्र हुं फट्।।”
 

Aghor Bhoot Pret Sadhana Siddhi Mantra Vidhi

उपरोक्त दोनो अघोर भूत प्रेत मंत्र बिधि शैब तंत्र से सम्बन्धित है जो शमशान सिद्धि के लिये प्रयोग किया जाता है । किसी नदी किनारे स्तिथ मसाण की भुमि पर बैठ कर अघोर भूत प्रेत साधना की जाती है । साधना सात रबिबार तक की जाती है । प्रथम दिन अमाबस्या और रबिबार के योग में होना चाहिये उसे रात्रि 12 बजे उपरान्त प्रयोग आरम्भ किया जाता है । यह अघोर भूत प्रेत साधना (Aghor Bhoot Pret Sadhana) ओघड साधक निर्बस्त्र होकर श्मशान की भस्म अपने तन पर लगाकर करते है तथा मंद मांस का प्रयोग किया जाता है । बाकी बिधि गुप्त है, गुरु मुख से प्राप्त करे ।
नोट : साधक दुसरे मंत्र को नरक चौदश (काली) की आधी रात को शमशान भुमि पर आसन लगा कर बैठ जाये । फिर उक्त मंत्र का जप करें। 40 दिन करने से मंत्र सिद्ध होता है और भूत-प्रेत प्रत्यख्य हाजिर होते है । तब बो साधक से भोजन ब बलि आदि की मांग करेंगे तब मांस- मदिरा अर्पण करें । लेकिन बलि अर्पण करने से पहले बचन मांग कर साधक अपने बचनो में बांध ले । तभी भोजन अर्पण करें इससे पहले न देबे । बचन देने के बाद साधक जब भी 51 बार मंत्र का जाप करके बुलायेगा तब प्रेत हाजिर हो जाता है और साधक का इछित कार्य पूर्ण करता है । लेकिन साधक लालच में न पडे अपने गुरु आज्ञा से अघोर भूत प्रेत साधना (Aghor Bhoot Pret Sadhana) ब प्रयोग करे, बिना गुरु के न करें । ये केबल जानकारी हेतु बता रहा हुं किसी योग्य ब्यक्ति से जानकारी लें ।

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जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is the founder of Mystic Shiva Astrology and a practitioner of Vedic astrology with a solution-oriented approach. His work focuses on understanding birth charts as tools for clarity, awareness, and practical decision-making rather than fear-based predictions. Rooted in classical astrological principles and real-life experience, he emphasizes responsible guidance, timing, and conscious remedies aligned with an individual’s life path.

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