Kamakhya Sadhana Kyun Aur Kaise Ki Jaati Hai ?
कामाख्या साधना (Kamakhya Sadhana) एक अद्दितीय धार्मिक अनुभब है , जिसे अक्सर तांत्रिक तंत्रोक्त प्रक्रिया के साथ जोड़ा जाता है । यह एक प्राचीन भारतीय साधना प्रथा है जिसमे योगी , साधक और तांत्रिक किसी बिशेष उदेश्य को प्राप्त करने केलिए बिशेष ध्यान और उपासना करते हैं । इस लेख में , हम कामाख्या साधना (Kamakhya Sadhana) के महत्व , तरीके और उसके प्रभाब पर चर्चा करेंगे ।
Kamakhya Sadhana Ka Mahatw :
कामाख्या साधना (Kamakhya Sadhana) का महत्व धार्मिक और आध्यत्मिक दृष्टिकोण से बहुत ऊँच है । इसे कामाख्या देबी के पूजन और साधना के रूप में जाना जाता है , जो शक्ति और उपासना की प्रतीक है ।कामख्या साधना से ब्यक्ति अपने आंतरिक स्वरुप को समझते है और आत्मा की उर्जा को जागरूक करते हैं ।
Kamakhya Sadhana Ke Tarike :
ध्यान और मनन : साधक कामाख्या मंदिर में जाते है और वंहा ध्यान और मनन करते है ।इसके माध्यम से देबी के प्रति अपने भक्ति और समर्पण की भाबना बिकसित करते है ।
जप और पूजा : साधक बिशेष मंत्रों का जप करते है और पूजा करते है , जिससे देबी के संग जुड़ सकते हैं ।
ब्रत और उपासना : कुछ साधक बिशेष ब्रत और उपासना करते है , जो अनेक आंतरीक साधना को समर्थन देते हैं ।
Kamakhya Sadhana Ke Prabhav :
कामख्या साधना से साधक आत्मा के साथ गहरा जुडाब अनुभब करते है । यह ऊनके जीबन में आंतरिक शान्ति ,सकारत्मक दृष्टिकोण और समृद्धि लाता है ।
Benefits Of Kamakhya Sadhana :
आंतरिक शान्ति : साधक अपने मानसिक स्तिथि को सुधारते हैं और आंतरिक शांति प्राप्त करते हैं ।
स्वयं में समर्पण : यह साधक को अपने उद्देश्य के प्रति समर्पित बनाता है और सकारत्मक दृष्टिकोण बिकसित करता है ।
आत्मा की ऊर्जा : साधक अपनी आत्मा की ऊर्जा को जागरूक करते हैं , जिससे उनकी जीबन शक्ति में बृद्धि होती है ।
यह मंत्र वेदोक्त है और पुर्णता प्रभवि भि है, सिर्फ 3 हि दिन मे इस मंत्रा कि अनुभुतिया हमारे सामने आती है,इस साधनासे कइ अपुर्ण इच्याये त्वरित पूर्ण हो जाति है,परंतु मन मे अविश्वास जाग्रत हो तो साधना कि अनुभुतिया नहीं मिल पाति है, और ये साधना कम से कम 11 दिन तो करनि हि चहिये.साधना किसी भि नवरात्रि मे कर सक्ते है, रोज मंत्र कि 108 बार पाठ मतलब 1 माला करनि है, आप चाहे तो अपनी अनुकुलता के नुसार 3, 5, या 11 मालाये भि कर सक्ते है,आसन लाल रंग कि हो वस्त्र कोइ भि हो सक्ति है,माला लाल हकिक या रुद्राक्ष कि.मा भगवति या कामाख्या जि का चित्र स्थापित किजिये और चमेलि कि तेल का दिपक आवश्यक है,साथ मे साधना से पुर्व हि गुरुपूजन और गुरुमंत्रा कि जाप भि आवश्यक है,फिर कालभैरव मंत्रा कि 21 ,51 या 108 बार जाप भि आवश्यक है,और सद्गुरुजि से अपनि कामनापुर्ति हेतुप्रार्थना किजिये और कालभैरव जि से आज्ञा मांगिये.
॥ ॐ ह्रीम कालभैरवाय ह्रीम ॐ ॥ अपनी मनोकामना का उच्यारन करते हुये एक लाल कनेर का फूल भगवति जि कि चरणोमे समर्पित किजिये और मंत्र जाप प्रारम्भ किजिये.
मंत्र : – “ॐ कामाख्याम कामसम्पन्नाम कामेश्वरिम हरप्रियाम ।कामनाम देहि मे नित्यम कामेश्वरि नमोस्तुते “॥
निष्कर्षण :
कामख्या साधना एक अत्यधिक महत्वपूर्ण अनुभब है जो ब्यक्ति को आत्मा की उर्जा की और आग्रहाण करने का मार्ग प्रदान करता है । यह एक ब्यक्ति के जीबन में आंतरिक बदलाब और सकारत्मकता लाता है , जिससे उन्हें अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में मदद मिलते है।
अकसर पूछे जाने बाले प्रश्न : (FAQs)
1. कामख्या साधना कितने समय तक की जाने चाहिए ?
Ans: इस साधना की समय साधक की नियति पर निर्भर करता है , कुछ साधक सालों तक अभ्यास करते रहते है ।
2. कामख्या साधना के लिए कौन कौन से उपकरण चाहिए ?
Ans: साधारणत: जो भी धार्मिक उपकरण होता है वो ही चाहिए , और कुछ जरुरत नहीं ।
3. क्या कामख्या साधना से स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है ?
Ans: यह साधना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकती है , लेकिन इसका परिणाम साधक के अभ्यास पर निर्भर करता है ।
4. क्या कामख्या साधना सामजिक रूप से स्वीकृत है ?
Ans: कामख्या साधना का समाज में प्राप्त किया जा सकता है और यह एक आध्यत्मिक प्रक्रिया के रूप में मान्यता प्राप्त है ।
5. क्या कामख्या साधना हर किसी के लिए है ?
Ans: नही , कामख्या साधना केबल बिशेषधिकारीत और ध्यान्शील ब्यक्ति के लिए हो सकती है , जो इसे समझते है और समर्थन देते हैं ।
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जय माँ कामाख्या