प्राचीन गुप्त मंत्र साधना सिद्धि प्रयोग

Pracheen Gupt Mantra Sadhana Siddhi Prayog :

मंत्र : ॐ श्री महामायी भगबती अष्ट्भुजी मरमेश्वरी उगती मेलडी मातायै नम: ।
ओम नमो श्री मेलडी मातायै नम: ।। ( आजमाया हुआ गुप्त प्रयोग )
साधक इस गुप्त मंत्र साधना (Gupt Mantra Sadhana) को चैत्र नबरात्री में नौ दिन सुबह सायं और दोपहर में पांच पांच माला जपे। प्रथम नबरात्री को प्रात:काल में उठ कर स्नान करके स्वछ बस्त्र धारण ले । फिर अपने घर में किसी एक कमरे में आसन लगाबे । आसन ऊनी कम्बल या रूई के गद्दे का लगाबें । साधक पूर्ब की और अपना मुख करके बैठ जाये । इसके बाद अपने ठीक सामने लकडी की चौकी कि स्थापना कर उस पर सबा मीटर का लाल कपडा बिछाबें । फिर उस पर माता मेलडी की तस्बीर स्थापित करें और उसका पूजन धूप दीपक, अगरबती, कपूर, फल , फूल, सुखडी, पानी बाला नारियल, कुम्कुम, चन्दन, सिन्दुर, अबीर, गुलाल आदि से बिधिबत पूजन करें और एक कलश भी रखें । इसके बाद साधक उपरोक्त मंत्र का जाप रक्त चन्दन की माला से करे । पांच माला सुबह, यह पांच माला 12 बजे बाद दोपहर में तथा पांच रात्रि में 9 बजे बाद करें ।
इसी भांति नौ दिन नबरात्रि में यह गुप्त मंत्र साधना (Gupt Mantra Sadhana) करें और नौ दिन तक केबल एक बार ही भोजन करें । उपबास रखें और साधक साधना (Gupt Mantra Sadhana) के दिनों में पलंग या खाट पर न बैठे और न ही उस पर शयन करे अर्थात् नौ दिन तक साधक भूमि पर शयन करे और पलंग एबं खाट को अपयोग में नहीं लेबे और तन मन से ब्रह्माचार्य का पालन करे । गुप्त मंत्र साधना (Gupt Mantra Sadhana) के बीच मे मौत मरगत पे जाना पडे तो घर आने से पहले किसी जलाशय या नदी पर रास्ते में ही स्नान आदि करके पबित्र होकर ही अपने घर आये । ऐसे तो जन्म एबं मरण सोच से बचने को कहा गया है । लेकिन अगर जाना जरूरी है तो अबश्य जाये । इस प्रकार नियमों का पालन करते हुये यह साधना (Gupt Mantra Sadhana) नौ दिन में पूर्ण करके फिर अन्तिम दिन एक पानी बाला नारियल और पाब घी की सुखडी अपने हाथों से बनाकर माता को नैबेद्य के रूप में अर्पण करे और प्रसाद छोटे बच्चों को बांट दें। अगर सम्भब हो तो नौकन्याओं को अपनी शक्ति के अनुसार भोजन एबं दान दखिणा आदि करबायें और देबें तो उत्तम लाभ प्राप्त होगा । फिर साधक उपरोक्त मंत्र को अपने कार्यो की पूर्ति के लिये उपयोग में ले सकता है यह मंत्र सभी कार्यो में लाभ देता है । जब किसी कार्य को करना हो और उसमें किसी कारण बश कोई बाधा या रूकाबट आ रही हो तो इसका 1000 जाप पूर्ण कर लेने से रूकाबट दूर होगी और कार्य पूर्ण होगा यह प्रयोग (Gupt Mantra Sadhana Prayog) रबिबार को ही करें ।
 
अगर आपके घर मे किसी बाहरी बाधा या शत्रुओं का भय हो एबं किसी भी प्रकार की समस्या से बचने के लिये आप इस प्रयोग को रबिबार के दिन करें। प्रात: काल स्नान करके पबित्र होकर माता का पूजन करलें जो ऊपर साधना बिधि में बताया गया है । फिर साधक उडद के दाने हाथ में लेकर अपनी समस्या का चिन्तन करे और माता से प्रार्थना करे की हमारे घर की और हमारे पूरे परिबार की रख्या करना ऐसा कह कर माता के आगे उडदों को रख दे फिर उस पर चुटकीभर कुम्कुम चडाबे और उपरोक्त मंत्र की एक माला जप कर ले तथा धूप जलाबे और उडदों को धूप की धूनी लगाबे। फिर पांच अगरबती जलाबें और उडदों को पुन: अपने दाहिने हाथ में लेकर उस अगरबती के धूप पर घुमायें। इसके बाद अपने मकान एबं दुकान के चारों कोणों मे ये अडद के दाने डाल दें जिससे आपका घर और आपका पूरा परिबार सुरखित रहेगा। साधना साबधानी से करे। किसी भी प्रकार की त्रुटि नहीं होनी चाहिये, नहीं तो परिणाम उल्टा भी हो सकता है। साधक साधना से पहले किसी योग्य ब्यक्ति से सलाह अबश्य लें।
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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