कालरात्रि बिद्वेषण प्रयोग कैसे करें ?

Kaalraatri Bidweshan Prayog

Kaalraatri Bidweshan Prayog Kaise Kare ? जिन दो ब्यक्तियों के बीच में बिद्वेषण करना हो उनमें जन्म नक्षत्र बाले बृक्ष या करज्ज की लकडी की दो पट्टे बनाबे । फिर गधी के दूध में बिषाष्टक (पिप्पली, मिर्च,सोंठ, बाजपक्षी की बिष्ठा, चित्रक (अण्डी) गृहधूम, धतूरे का रस, लबण) मिलाकर उनके नामाक्षरों की दो आकृति उन पट्टों … Read more

कालरात्रि आकर्षण मंत्र प्रयोग

Kaalraatri Aakarshan Mantra

Kaalraatri Aakarshan Mantra Prayog : कृष्णा अष्टमी बा चतुर्दशी को मंगलबार रबिबार हो उस दिन नाभिपर्यन्त जल में खडे होकर मूलमंत्र का ११ सौ जप करे । घर आकर शरीर पर तिलों का तेल या सुगंधित तेल मले । भद्रपीठ पर काम्य स्त्री बा पुरूष की अंजन से आकृति बनाये । उसकी लाजबतीबृख्य के पतों … Read more

कैसे करें कालरात्रि स्तंभन प्रयोग ?

Kaalraatri Stambhan Prayog

Kaise Kare Kaalraatri Stambhan Prayog ? हल्दी, गोरोचन, कूट एबं तगर को गोमूत्र में पीसकर उसमें हलदी में रंगे बस्त्र पर अष्टदल बनायें। मध्य में शत्रु का नाम “अमुकं स्तंभय” लिखे । अष्टदलों में प्रत्येक में ॐ, ॐ, ग्लौं, च-ट, च-ट, (चट-चट) एक एक अक्ष्यर लिखे । फिर उस मंत्र को पीलेबस्त्र से बेष्टन करे … Read more

कालरात्रि मारण प्रयोग विधि

Kaalraatri Maran Prayog

Kaalraatri Maran Prayog Vidhi : कृष्णा चतुर्दशी को मंगलबार के दिन गौशाला, चौराह एबं श्मशान की मिट्टी लाकर, उसमें बायाबिडड्ग, कनेर, आक के फूल मिलाकर पुतली बनाये । रात्रि में श्मशान में जाकर नील बस्त्र धारण कर शिखा खोलकर पुतली पर शत्रु का नाम लिखे । उसमें शत्रु के नाम से प्राणप्रतिष्ठा करे । फिर … Read more

कालरात्रि बशीकरण प्रयोग क्या है ?

Kaalraatri Bhashikaran Prayog

Kaalraatri Bhashikaran Prayog Kya Hai ? शनिबार के दिन सायं सरोबर पर जाकर सरोबर एबं जलो का (जौंक) का पूजन करे ।   Kaalraatri Bhashikaran Prayog Mantra : बशीकरण मंत्र : ॐ नमो जलौकायै जलौकायै सर्बजनं बशं कुरू कुरू हुं फट् स्वाहा ।   रात्रि में देबी स्मरण करते हुये सो जाबे । पुन प्रात: … Read more

काली आकर्षण मंत्र साधना कैसे करें?

Kaali Aakarshan Mantra

Kaali Aakarshan Mantra Sadhna Kaise Kare ? काली आकर्षण मंत्र (Kaali Aakarshan Mantra) (१) : क्रीं दक्षिणकालिके क्रीं स्वाहा। देबी के एक हाथ में रक्तबर्ण अंकुश तथा दुसरे हाथ में शुल का ध्यान करें । २) हुं हुं ह्रीं ह्रीं क्रीं क्रीं स्वाहा। यह उत्तम बशीकरण सब को बशीकरण करने बाला है । नाग यज्ञोपबीत, … Read more

कालरात्रि मोहन प्रयोग क्या है ?

Kaalratri Mohan Prayog

Kaalratri Mohan Prayog Kya Hai ? रबिबार के दिन हल्दीलाकर उसे स्त्री के दूध में पीसकर उससे भोजपत्र पर यंत्र बनाबे । एक बृत बनाकर उसके बीच में “क्लीं” लिखें । उस बृत के बाहर चारों और बृताकार १० बार कामबीज “क्लीं” लिखे । पुन: उसके बाहर बृताकर १२ बार कामबीज “क्लीं” लिखे । पुन: … Read more

मारण प्रयोग विधि कैसे करें ?

Maran prayog vidhi

Maran Prayog Vidhi Kaise Kare ? भगबान त्र्यम्बक महेश ने साधक शिबगिरि को शरीर रख्या तथा दुष्टों के बिनाश के लिए मारण प्रयोग विधि का उपदेश दिया । ये मारण प्रयोग विधि (Maran Prayog Vidhi) मंत्र संखिप्त रूप मे इस प्रकार हैं—   महादेब बोले — अब मारण प्रयोग बिधि (Maran Prayog Vidhi) कहता हुं … Read more

स्तम्भन प्रयोग कैसे करें ?

Stambhan Prayog

Stambhan Prayog Kaise kare ? मारण एबं मोहन प्रयोगों के उपरान्त भगबान त्र्यम्बक ने योगी शिबगिरि को स्तम्भन प्रयोगों (Stambhan Prayog) का उपदेश दिया । स्तम्भ का अर्थ है – खम्भा, अर्थात् इन स्तम्भन प्रयोगों (Stambhan Prayog) द्वारा किसी भी प्राणी की गतिशीलता समाप्त करके उसे जहाँ का तहां जडबत् किया जा सकता है । … Read more