Mahakaal Bhairab Sadhana :
भैरब साधना मंत्र : “हुं श्रों यां रां लां बां क्रों महाकाल भैरब सर्ब बिधान नाशय नाशय ह्रीं श्रीं फट् स्वाहा।।”
साधक इस साधना (Mahakaal Bhairab Sadhana) को अश्विन नबरात्रि में आरम्भ करें तथा 41 दिन तक साधना करें और इस मंत्र का एक लाख पचिस हजार की संख्या में जप पूर्ण करें एबं मंत्र का दशांश हबन करें । शेष बिधि काल भैरब सिद्धि के अनुसार करें । दोनों की एक समान ही बिधि है थोडा बहुत अन्तर है , इस साधना को मात्र 41 दिन करने का ही बिधान है और इस साधना में साधक लाल बस्त्रो का उपयोग करें और इस साधना में पूर्ब दिशा की और मुख करके बैठे तथा नैबेद्य केबल खीर पूडी, लापसी , फल, मिठाई, दही बडा, नमकीन ही चडाबें इससे मंत्र सिद्ध हो जाता है और साधक का मन चाहा कार्य पूर्ण होता है एबं साधक के सर्ब दु:ख दूर हो जाते हैं । साथ ही सुख शांन्ति ऐश्वर्य , धन , धान्य की प्राप्ति होती है निराश जीबन को पुन: सुखमय बनाया जा सकता है ।
इस साधना (Mahakaal Bhairab Sadhana) के पूर्ण हो जाने पर, ब्यापार, कारोबार में आने बाली सभी समस्या का स्वयं ही निबारण हो जाता है एबं साथ ही ऊपर आने बाली सभी आपति का निबारण होता है और रोग शोक से साधक मुक्त हो जाता है साधक अगर अकारण ही शत्रु परेशान करते हो तो इस भैरब साधना को करने के बाद समस्त शत्रु बाधा का नाश होता है । जिस ब्यक्ति को कार्य सफल नहीं होता है और बिघ्न बाधा आ रही हो तो , इस भैरब साधना को बिधिबत सम्पन्न करने से अबश्य लाभान्वित होंगे और सर्ब संकटों से मुक्ति मिलेगी । इसे बिश्वास के साथ आरम्भ करें और अपनी कामनापूर्ण करें ।
नोट : साधक इस साधना को करते समय , नियमों को ध्यान में रखकर आगे बढे। अबश्य सफलता मिलेगी ।
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जय माँ कामाख्या