Ajaypal Mantra
अजयपाल अजमेर के राजा थे ख्वाजा साहब के समय में उनका राज्य था । बे बहत बड़े तांत्रिक थे। उनका एक शक्तिशाली मंत्र दे रखा है , …..
मंत्र : “ॐ अजमेरी दृढ़ अजयपाल राजा अजा देबराणी, अजा देबराणी ना सात पुत्र, कौन कौन पुत्र, हडंजय, रणेरा, तनेरा, डठेरा, एक्न्तरा, दुतीया, तृतीया, चौथिया, जजारे सात बाणी ना तर ए पिंड छोडी बीजे पिंड जाइने, पड़ी उभो रहे, तो अजैपालनी सात आन, जो उभो रहे तो जती सती नी आन, जो उभो रहे, मेरी भक्ति गुरु की शक्ति, फुरो मंत्र ईश्वरो बाचा ।”
बीजे पिण्ड का अर्थ है दूसरे शरीर का पिण्ड। यह मंत्र (Ajaypal Mantra) एकान्तरादि ज्वर में काम करता है। तथा तर्जनी अंगुली से झाड़ने पर दांत का दर्द कम होबे । अजयपाल मंत्र (Ajaypal Mantra) के लिये गांजा की चिलम रख कर साधना करे । पुआ, पकोड़ी का भोग लगाबे ।
आज की तारीख में हर कोई किसी न किसी समस्या से जूझ रहा है । हर कोई चाहता है कि इन समस्याओ का समाधान जल्द से जल्द हो जाए, ताकि जिंदगी एक बार फिर से पटरी पर आ सके । आज हम आपको हर समस्या का रामबाण उपाय बताएंगे, जिसे करने के बाद आपकी हर समस्या का समाधान हो जाएगा ।
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