4 Dane Chawal Ke Chamatkari Upay

4 दाने चावल उपाय को तंत्रों में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है और इसके तंत्रोक्त चमत्कारी का उल्लेख कई पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में किया गया है , यंहा चावल उपाय (Chawal Ke Chamatkari Upay) के कुछ महत्वपूर्ण तंत्रोक्त चमत्कारी फायदे दे रहे हैं ….
चावल यानी अक्षत हमारे ग्रंथों में सबसे पवित्र अनाज माना गया है । अगर पूजा पाठ में किसी सामग्री की कमी रह जाए तो उस सामग्री का स्मरण करते हुए चावल चढ़ाए जा सकते हैं। किसी ना किसी सामग्री को किसी ना किसी भगवान को चढ़ाना निषेध है जैसे तुलसी को कुंकुम नहीं चढ़ता और शिव को हल्दी नहीं चढ़ती। गणेश को तुलसी नहीं चढ़ती तो दुर्गा माँ को दूर्वा नहीं चढ़ती लेकिन चावल हर भगवान को चढ़ते हैं । आज हम्म उसी चावल से जुडी चमत्कारी फायदे (Chawal Ke Chamatkari Upay) के बारे में बात करेंगे , कैसे हम  4 दाने चाबल का प्रयोग करके सारे दुबिधा को दूर कर पायेंगे उसके बारेमे चर्चा करेंगे …

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भगवान को चावल चढ़ाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि चावल टूटे हुए न हों । अक्षत पूर्णता का प्रतीक है अत: सभी चावल अखंडित होने चाहिए । मात्र 4 दाने चावल रोज चढ़ाने से अपार ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है । चावल साफ एवं स्वच्छ होने चाहिए । शिवलिंग पर अक्षत चावल चढ़ाने से शिवजी अतिप्रसन्न होते हैं और अखंडित चावल की तरह अखंडित धन, मान-सम्मान प्रदान करते हैं । याद रखें खंडित चावल कभी भी शिव स्वीकार नहीं करते ।

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घर में अन्नपूर्णा माता की प्रतिमा को उत्तर दिशा में स्थापित करके हर गुरुबार और शुक्रबार को माता की पाठ की साथ साथ चाबल से सहद मिलकर हबन करे तो घर में सुख शांति की बास होती है और धन धान्य का कभी कम नही होता है । और माता रानी को आप चावल की ढेरी पर पर स्थापित करे तो  जीवनभर धन-धान्य की कमी नहीं होती हैं ।
पूजन के समय अक्षत इस मंत्र के साथ भगवान को समर्पित किए जाते हैं :
“अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कुंकमाक्ता: सुशोभिता:. मया निवेदिता भक्त्या: गृहाण परमेश्वर॥”
इस मंत्र का अर्थ है कि हे ईश्वर, पूजा में कुंकुम के रंग से सुशोभित यह अक्षत आपको समर्पित कर रहा हूं, कृपया आप इसे स्वीकार करें ।
अन्न में अक्षत यानि चावल को श्रेष्ठ माना जाता है । इसे देवान्न भी कहा गया है । देवताओं का प्रिय अन्न है चावल। इसे सुगंधित द्रव्य कुंकुम के साथ आपको अर्पित कर रहे हैं । इसे ग्रहण कर आप भक्त की भावना को स्वीकार करें ।
पूजा में अक्षत चढ़ाने का अभिप्राय यह है कि हमारा पूजन अक्षत की तरह पूर्ण हो । अन्न में श्रेष्ठ होने के कारण भगवान को चढ़ाते समय यह भाव रहता है कि जो कुछ भी अन्न हमें प्राप्त होता है वह भगवान की कृपा से ही मिलता है। अत: हमारे अंदर यह भावना भी बनी रहे। इसका सफेद रंग शांति का प्रतीक है। अत: हमारे प्रत्येक कार्य की पूर्णता ऐसी हो कि उसका फल हमें शांति प्रदान करे। इसीलिए पूजन में अक्षत एक अनिवार्य सामग्री है ।
चावल के 4 दाने भी उतना ही फल देते हैं जितना एक चुटकी चावल …..अमीरी के कठिनतम उपाय से बेहतर है मात्र एक चुटकी चावल या चार दाने चावल पूरी श्रद्धा से प्रतिदिन अर्पित करें अपने इष्टदेव को और एक माह में देखें चमत्कार
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (मो.) +91- 9438741641 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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