Jinn Prakop Karne Ka Roohani Mantra :
रह्मानी मंत्र :
“काल आये, कराल आये, अगिया मसान आये ।
मेरी पुकार पर भूत-प्रेत जिन्न बैताल आये ।
काल जाये, कराल जाये, अगिया मसान जाये ।
भूत जाये, प्रेत जाये, जिन्न (……) ।
जिन्न तू जिन्नात तू ।कर मेरा एक काम तू ।
दिखा अपनी शक्ति का जमाल ।
हर ले उसकी ताकत, बुद्धि,
पहाड बिस्तर तलैया ताल ।
तुझे तेरे मालिक की कसम,
जो तू ऐसा न करे, तो दोजख की आग में जले ।
ओम नम: गुरुशक्ति गुरु देबाय नम: ।”
किसी भी ब्यक्ति या स्त्री के अधोबस्त्र , सिर के बाल या बिस्तर की मैली चादर लेकर उसमें मीठे तेल और छिपकली की पूंछ डालकर 108 मंत्रो से सिद्ध करके अग्नि में जलायें या इसे उसके चूल्हे के नीचे दबा दें या इसे मदिरा में डालकर धूप में रखें, तो उस स्त्री या पुरुष पर यह सबार हो जाता है । बह रात मे सोते हुए में आक्रमण करता है । स्त्री हो, तो यौनाचार भी करता है । फिर गायब हो जाता है । इस समय के बाद स्त्री-पुरुष के शरीर में शक्ति ही नहीं रहती ।
चिकित्सा न हुई, तो कुछ दिनों में प्रकोपित ब्यक्ति मर जाता है और आत्मा को जिन्न ले जाता है ।
(यह मंत्र (Jinn Prakop Karne Ka Roohani Mantra) तुरंत आपना शक्ति देखा देता है ,वो भी कुछ ही समय मे । यन्हा मंत्र मे कुछ श्वद छुपाया गया है , ताकि आदमि किसी लालच या बश मे आकर किसी का बुरा ना कर सके ।)
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जय माँ कामाख्या