कालरात्रि बिद्वेषण प्रयोग कैसे करें ?

Kaalraatri Bidweshan Prayog Kaise Kare ?

जिन दो ब्यक्तियों के बीच में बिद्वेषण करना हो उनमें जन्म नक्षत्र बाले बृक्ष या करज्ज की लकडी की दो पट्टे बनाबे । फिर गधी के दूध में बिषाष्टक (पिप्पली, मिर्च,सोंठ, बाजपक्षी की बिष्ठा, चित्रक (अण्डी) गृहधूम, धतूरे का रस, लबण) मिलाकर उनके नामाक्षरों की दो आकृति उन पट्टों पर बनाये । फिर अर्धरात्रि में मंत्र जप करे ।
मंत्र : “ॐ हौं ग्लौं ह्सौं भ्रौं भगबति दण्डधारिणि अमुकमकुमं शीघ्रं बिद्वेषय २ रोधय २ भंज्जय २ श्रीं ह्रीं राज्ञयै ॐ हुं हुं हुंम्।”
 
जप करने के बाद दोनों फलकों (पट्टे) को गदहा, भैंस तथा घोडे की पूंछ के बालों से बनी रस्सी से बांधकर बांबी के भीतर गाडकर एक हजार जप करे। बलि प्रदान करे ।

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जय माँ कामाख्या

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